झीरम घाटी नक्सली हमले के मामले में एनआईए ( नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) ने कांग्रेस नेता दौलत रोहरा को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया लेकिन रोहरा ने बयान देने से मना कर दिया
दरअसल रोहरा का कहना है कि एनआईए ने बिना किसी नोटिस जारी किए मुझे फोन पर ही बुला लिया, मैं ऐसे बयान नहीं दे सकता पहले मुझे नोटिस भेजे उसके बाद यह मेरी व्यक्तिगत इच्छा है कि मैं बयान दूंगा या नहीं दूंगा
उन्होंने इस मामले पर यह भी कहा कि एनआईए अभी नोटिस बना रही है और उसके बाद मुझे देगी मैं अपने वकील से बात करूंगा और इस विषय पर आगे का कदम उठाऊंगा
रोहरा ने कहा कि मैंने और शिखा वाजपेई ने हाईकोर्ट में एनआईए के खिलाफ याचिका दायर किया कि एनआईए ने जांच सही तरीके से सही दिशा में नहीं की है हाईकोर्ट ने सेंट्रल गवर्नमेंट को इसके कागज भेजे और अभी जांच जारी है राज्य शासन ने भी एनआईए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में शिकायत की है इन्हीं शिकायतों को लेकर एनआईए ने जांच शुरू की है पर एनआईए की जांच कभी भी शुरू हो जाती है
NIA की रिपोर्ट पर आपत्ति जताई :
एनआईए की रिपोर्ट पर आपत्ति जताते हुए दौलत रोहरा ने यह भी कहा कि इन्होंने बैठे-बैठे रिपोर्ट बनाकर पेश की है जब झीरम घाटी कांड हुआ उसके 17 दिन बाद विद्या भैया का निधन हुआ और घाटी के 6 दिन बाद मैं और मेरे साथी दरभा थाने गए थे जहां से विद्या भैया का चप्पल और उनका सामान लेकर आए थे जबकि एनआईए ने ग्राउंड लेवल पर इसकी जांच की ही नहीं है और उस समय हम से पूछताछ नहीं की गई अब 6 साल बाद इन्होंने फिर से जांच शुरू की है फिलहाल तो मुझे नोटिस दिया जाए उसके बाद में अपने वकील से बातचीत करने के बाद इस मामले पर आगे बात करूंगा