छत्तीसगढ़ राज्यसभा के कांग्रेस उम्मीदवार केटीएस तुलसी और फूलो देवी नेताम ने विधानसभा पहुंचकर नामांकन किया दाखिल।
नामांकन दाखिल करने कांग्रेस उम्मीदवारों के साथ कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम सहित मंत्रिमंडल के सदस्य भी विधानसभा पहुंचे। फ़िलहाल भाजपा ने राज्यसभा के लिए यहां कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा है। ऐसे में इन दोनों उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचन तय दिखाई दे रहा है।
नामांकन से पहले झीरम घाटी के शहीद कांग्रेस नेताओं को किया पुष्पांजलि अर्पित
नामांकन दाखिल करने से पहले केटीएस तुलसी ने राजीव भवन पहुंचकर झीरम घाटी के शहीद कांग्रेस नेताओं को पुष्पांजलि अर्पित कीया और प्रदेश प्रभारी पी एल पुनिया और प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के साथ विधानसभा के लिए रवाना हुए। वहीं फूलो देवी नेताम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ विधानसभा पहुंची और नामांकन दाखिल किया।
मोहन मरकाम की मौजूदगी में उम्मीदवारों का तय हुआ था नाम
कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम की मौजूदगी में उम्मीदवारों के नाम को अंतिम रूप दिया गया था। वहीं, संख्या बल में कमजोर होने के कारण भाजपा ने उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला पहले ही कर लिया ।
वोरा और जूदेव का कार्यकाल हुआ पूरा
छत्तीसगढ़ से राज्यसभा की दो सीट मोतीलाल वोरा और रणविजय सिंह जूदेव का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। कांग्रेस के 69 विधायक होने के कारण दोनों सीट पर कांग्रेसी उम्मीदवार की जीत तय मानी जा रही है। वही अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि फूलोदेवी को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाकर कांग्रेस ने आदिवासी वोट बैंक को साधने की कोशिश की है।
प्रदेश में कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष, युवक कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष आदिवासी बाहुल्य बस्तर से हैं। ऐसे में राज्यसभा से एक आदिवासी को भेजकर कांग्रेस ने बड़ा दांव खेला है। केटीएस तुलसी ने कई बड़े मामलों की पैरवी की है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के पति राबर्ट वाड्रा के कई मामलों की वे कोर्ट में पैरवी करते हैं।