दुर्ग में शराब प्रेमियों को उनकी पसंद की शराब के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ा। लोग सुबह से शराब के लिए लाइन में खड़े थे, जिसके बाद 3 बजे उन्हें शराब मिल पायी।
सर्वर था डाउन
शराब दुकानों में बार कोड से शराब की बॉटल को स्कैन करके उसके मूल्य, कंपनी तमाम जानकारी को सेल्स वालों के लिए जानना जरूरी भी होता है। साथ ही हर बॉटल की पूरी जानकारी कंप्यूटर में ही रहता है। कंप्यूटरीकृत कार्य इंटरनेट के माध्यम से पूर्ण हो पाता है। बारकोडिंग का काम इंटरनेट से होता है। इन सब कयों के पूरे हो जाने के बाद ही ग्राहकों को शराब मिल पाती है।
रविवार को इंटरनेट का सर्वर पूरे दिन डाउन था, जिससे बारकोड स्कैन करने में काफी परेशानियां हुई। जिसके कारण लोगो को शराब नहीं मिल पा रही थी।
3 बजे के बाद मिली लोगो को उनकी शराब
दोपहर तक शराब की बिक्री प्रभावित रही। दोपहर ढाई बजे के बाद सर्वर सामान्य हुआ जिसके बाद, मदिरा प्रेमियों को तीन बजे के बाद सामान्य रूप से शराब मिल पायी।
शराबियों का सन डे होता है फन डे
शराबियों के लिए संडे मतलब होता है फन डे। लिहाजा संडे के दिन शराब दुकानों में शराब खरीदारों की काफी भीड़ रहती है। संडे सुबह शराब दुकान खुलने से पहले ही शराबियो की लाइन देखने मिलती है। 15 मार्च को सर्वर मदिरा प्रेमियों के लिए परेशानी का कारण बना। मदिरा प्रेमियों का फनडे फेल हो गया, क्योंकि दोपहर तक शराब ही नहीं मिली।
सर्वर डाउन होने की वजह से रविवार को शराब की बिक्री प्रभावित हुई है। सर्वर डाउन होने की वजह से बारकोडिंग नहीं हो पा रहा था। प्रयास किया जाएगा कि आगामी दिनों में ऐसी परेशानी ना हो।
-अरविंद पाटले, जिला आबकारी अधिकारी, दुर्ग