सोमवार की रात लगभग 11 बजे मैनपाट कार्निवाल के समापन समारोह से वापस लौट रही नर्सिंग की छात्राओं से भरी बस मैनपाट कालीघाट में अनियंत्रित होकर पलट गई। बस में 41 नर्सिंग की छात्राओं के अलावा चार निगम के कर्मचारी सवार थे।
चट्टान से टकराई बस
तेज रफ्तार होने के कारण बस चालक नियंत्रण खो दिया और अनियंत्रित बस सड़क किनारे रिटर्निंग वाल से टकराते चट्टान से भिड़ गई। दुर्घटना में सभी छात्राओं को चोटें आई थी। आधा दर्जन छात्राओं की प्राथमिक चिकित्सा के बाद छुट्टी कर दी गई थी। बस में सवार नर्सिंग कॉलेज की डेमोस्ट्रेटर सहित 34 छात्राओं को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सरिता नाम की छात्रा को आइसीयू में भर्ती किया गया है।
घटना की सूचना मिलने पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पीएस सिसोदिया, पुलिस अधीक्षक आशुतोष सिंह, निगम आयुक्त हरेश मंडावी, अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ एसपी कुजूर, सीएसपी एसएस पैकरा सहित अन्य अधिकारी मेडिकल कालेज अस्पताल पहुंचे। देर रात तक अस्पताल में मौजूद अधिकारियों ने घायल छात्राओं सहित अन्य की स्थिति का जायजा लिया। घटना को लेकर देर रात तक अस्पताल में कोहराम की स्थिति बनी रही।
घटना की सूचना जैसे ही छात्राओं के परिजनों को मिली अस्पताल में जमघट की स्थिति बन गई। मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन को पहले से ही एलर्ट कर दिया गया था। समुचित चिकित्सा व्यवस्था कराने में लेटलतीफी की स्थिति न बने, इसे देखते हुए सभी विभाग के चिकित्सकों की अस्पताल में उपस्थिति थी। बताया जा रहा है कि चालक काफी रफ़्तार में बस चला रहा था, जो दुर्घटना के बाद फरार हो गया।
उपचार में लगे डॉक्टर से हाथापाई की कोशिश
मंगलवार की दोपहर अस्पताल के महिला मेडिकल वार्ड में भर्ती डेमोस्ट्रेटर का हाल खबर लेने आए लोगों ने उचित उपचार नहीं होने का हवाला देकर हंगामा की स्थिति कड़ी कर दी। उनका कहना था पूरी रात बीत गई, दोपहर के 12 बज गए, अभी तक एक्सरे नहीं कराया गया है। घायल बच्चियों को मरहम पट्टी के बाद अपने हाल में छोड़ दिया गया है।
घायल डेमोस्ट्रेटर का केस हिस्ट्री ले रहे चिकित्सक से मौजूद लोगों ने बहस करना शुरू कर दिया, जिससे कुछ देर के लिए माहौल तनावपूर्ण हो गया। हालांकि चिकित्सक अपनी तरफ से पूरी रात घायलों की चिकित्सा के बाद सुबह से आवश्यक उपचार सुविधा मुहैया कराने में लगे थे।
इसके बाद भी चिकित्सक को मारने की धमकी देते हुए मचे शोरशराबा को सुन राउंड में निकले अन्य चिकित्सक और नर्सें भी पहुंच गई। समझाइश देने पर माहौल तो शांत हुआ लेकिन आपात स्थिति में पूरी रात घायलों की देखरेख के बाद बनी स्थिति की टीस भी देखने को मिली।