छत्तीसगढ़ : गुस्र्वार को विधानसभा सदन में बजट सत्र के तीसरे दिन बलरामपुर में नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म का मामला उठाया गया। कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने बलरामपुर जिले में नाबालिग से हुए सामूहिक दुष्कर्म का मामला उठाया।
पुलिस पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस लगातार लापरवाही बरत रही है। मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी इसके बाद बलरामपुर में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए।
इस पूरे मामले को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गंभीरता से लेते हुए कहा, कि लापरवाही बरतरने वाले टीआई सहित सात पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया है। अगर वे जांच में दोषी पाए जाते हैं तो इनके बर्खास्तगी की कार्रवाई भी की जा सकती है।
सीएम ने कहा कि इस तरह के गंभीर अपराधों की जांच में किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। पुलिस का काम लोगों को सुरक्षा देना और उनके हितों की रक्षा करना है। यदि कोई पीड़ित उनके पास फरियाद लेकर आता है तो पुलिस को मामले को गंभीरता से लेते हुए सकारात्मक नजरिए से अपना काम करना चाहिए। पुलिस अगर भ्रष्ट रवैया अपनाएगी तो सीधे तौर पर शासन-प्रशासन से लोगों का भरोसा कमजोर हो जाएगा।
बीते दिनों की है घटना
कुछ दिनों पहले बलरामपुर जिले में 12 वर्षीय एक नाबालिग बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना सामने आयी थी।
घटना के बाद जब पीड़िता के परिजन रिपोर्ट दर्ज़ करने थाने पहुंचे तो पुलिस उन्हें घुमाती रही। पीड़िता के परिजन करीब 12 घंटे तक थाने में बैठे रहे। रिपोर्ट न लिखे जाने पर परिजनों ने इसकी शिकायत स्थानीय विधायक बृहष्पति सिंह से की थी। विधायक ने मामले को संज्ञान में लेते हुए आईजी से इस संबंध में चर्चा की, जिसके बाद टीआई सहित सात पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच किया गया था।
आज इनके निलंबन की कार्रवाई की गई है। बाद में इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया, जबकि अन्य आरोपी अभी भी फरार हैं। सीएम के निर्देषानुसार यदि ये जांच में दोषी पाए जाते हैं तो इन्हें सेवा से बर्खास्त किया जाएगा।