ख़ैरागढ़. दिल्ली में रहकर नाम रोशन कर अब पैतृक कृषि कार्य को संभाल रहे कलाकार हुकुम वर्मा को पूर्व विधायक कोमल जंघेल ने सम्मानित किया है। खैरागढ़ ब्लाक के कट्टाहा नवगांव में जन्म हुवा है,जो बचपन से ही कला के क्षेत्र में दिलचस्पी रखते थे जिसने खैरागढ़ संगीत विश्विद्यालय में शिक्षा प्राप्त की,देश-विदेश में चित्रकला में नाम कमाया। सम्मान के बाद जंघेल ने बताया कि जब मैं संसदीय सचिव था,तब इनका मुलाकात दिल आजकल वह खैरागढ़ के पास अपनी पैतृक गांव कट्टहा नावगांव में रह कर कृषि कार्य में रहते हुए चित्रकला के कार्य मे जुड़े रहते है। आज उनका सम्मान करने का अवसर मिला।
हाई स्कूल से ही रही चित्रकला में रुचि
संस्कृति विभाग भारत सरकार से जूनियर और सीनियर फैलोशिप प्राप्त हुकुम लाल वर्मा हाई स्कूल के समय से ही चित्रकला में रुचि लेने लगे थे l अब तक छह एकल प्रदर्शनी दिल्ली, भोपाल और मुंबई में आयोजित कर चुके हैं , और लगभग 50-60 सामूहिक प्रदर्शनी दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, भोपाल, पुणे, पालो अल्टो (यूएसए) मलेशिया, जर्मनी आदि जगहों में कर चुके हैं l प्रमुख रूप से भारत भवन बिनाले भोपाल, बिजिंग आर्ट बिनाले चीन, ललित कला अकादमी दिल्ली, मध्य प्रदेश राज्य कला प्रदर्शनी ग्वालियर , आदि अनेकों प्रतिष्ठित प्रदर्शनियों में भागीदारी रही है l
संग्रहालयों में संग्रहित है कृतियां
हुकुम वर्मा की पेंटिंग अनेकों निजी और संस्थागत संग्रहालय जिसमें ललित कला अकादमी दिल्ली, भारत भवन भोपाल, संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़ सरकार, राष्ट्रीय कला केंद्र भुवनेश्वर व देश-विदेश के अनेकों निजी संग्रहालय में संग्रहित है l आप अमूर्त अभिव्यंजनावादी शैली में कला सृजन करते हैं l चित्र निराकार, आकर विहीन है, जिसमें रंगों का सामंजस्य व लय आदि देखने को मिलता है l
10 वर्ष तक दिल्ली में रह किया सृजन
इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ (1997) से मास्टर ऑफ फाइन आर्ट करने के बाद हुक़ूमलाल रुचि फ्रीलांस (स्वतंत्र चित्रकारी) करने की रही l इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए 1 वर्ष भोपाल वह लगभग 10 वर्षों तक दिल्ली में व 5 वर्षों तक भिलाई में रहकर कला सृजन करते रहे l