भारत - चीन सीमा लद्दाख के पास गलवान घाटी में हुए झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए।इन्ही जवानों में शामिल थे झारखंड के रहने वाले कुंदन कुमार जो 2011 में सैनिक भर्ती हुए थे।
स्थानीय खबरों के मुताबिक कुंदन कुमार की पत्नी ने 17 दिन पहले ही बेटी को जन्म दिया था और शहीद होने के पहले कुंदन कुमार कहते थे कि वह अपनी बेटी का चेहरा देखना चाहते हैं पर अफसोस अपनी बेटी का चेहरा भी नहीं देख पाए और शहीद हो गए कुंदन कुमार।
मैं अपनी बेटी को मिलने आऊंगा :
स्थानीय खबरों के मुताबिक कुछ दिन पहले ही कुंदन की फोन पर परिजनों से बात हुई थी लगभग 5 महीने पहले कुंदन कुमार अपने घर गए थेजब सूबेदार ने फोन करके उनके घर पर बताया कि कुंदन शहीद हो गए घरवालों की दशा का अंदाजा हम और आप नहीं लगा सकते।
परिजनों का कहना है कि कुंदन अपनी बेटी से मिलने के लिए बेहद उत्सुक थे हमेशा फोन पर यही कहते थे कि मैं अपनी बेटी को मिलने आऊंगा पर अपनी बेटी का चेहरा भी नहीं देख पाया स्थानीय खबरों के मुताबिक कुंदन के शहीद होने की खबर के बाद उनकी पत्नी का रो रो कर बुरा हाल हो गया है उनकी पत्नी कह रही है कि उन्होंने एक बार भी अपनी बेटी को गोद में नहीं लिया।
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा हमें गर्व है :
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा हमें गर्व है कुंदन कुमार पर जिन्होंने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए अपनी जान की परवाह ना करते हुए देश हित के लिए सीमा पर बलिदान दे दिया हेमंत सोरेन ने ट्वीट करते हुए कहा कि झारखंड के बहादुर बैठे कुंदन ओझा पर गर्व है मैं उन सभी को सलाम करता हूं और पूरा राज्य इस दुख की घड़ी में कुंदन के परिवार के साथ खड़ा है।
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