The RAGNEETI is periodical magazine and the news portal of central India with the political tone and the noise of issues. Everything is in this RAGNEETI. info@ragneeti.co.in
Owner/Director : Bhagwat Sharan Singh
Office Address : New Bus Stand, Shiv Mandir Road, Khairagarh. C.G
- ऋण वसूलने के लिए गिरवी रखे जेवरों को बेचा लेकिन बिक्री से मिली अतिरिक्त रकम ग्राहक को नहीं लौटाई
- जिला उपभोक्ता फोरम ने बैंक पर लगाया हर्जाना
दुर्ग। सोने के गहने गिरवी रखकर ऋण लेने वाले ग्राहक का सोना बेचने के बाद ऋण राशि से अधिक रकम बैंक को मिली लेकिन बैंक ने उस अतिरिक्त रकम को ग्राहक को नहीं लौटाया। इस आचरण को जिला उपभोक्ता फोरम दुर्ग के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये और लता चंद्राकर ने व्यवसायिक कदाचरण एवं सेवा में निम्नता माना और आईसीआईसीआई बैंक के पावर हाउस भिलाई शाखा के मैनेजर एवं बड़ौदा (गुजरात) स्थित बैंक मुख्यालय के जनरल मैनेजर पर 51 हजार रुपये हर्जाना लगाया।
यह भी पढ़ें : विवाह के लिए अनुमति अब ऑनलाइन भी प्राप्त की जा सकती है, देखिए पूरी खबर
ग्राहक की शिकायत :
सुंदर नगर चरोदा भिलाई निवासी संजीव जायसवाल ने दिनांक 21 सितंबर 2015 को आईसीआईसीआई बैंक पावर हाउस भिलाई शाखा में सोने के गहने गिरवी रखकर 103800 रुपये का ऋण 1 वर्ष के लिए लिया था। बाद में बैंक शाखा जाने पर उसे बताया गया कि गिरवी रखे आभूषणों को विक्रय कर दिया गया है जबकि इसकी कोई लिखित सूचना उसे नहीं दी गई।
अनावेदकगण का जवाब :
बैंक ने यह जवाब दिया कि परिवादी को ऋण राशि की डिमांड नोटिस पंजीकृत डाक से भेजी गई थी तथा नीलामी के पूर्व भी पंजीकृत नोटिस दी गई थी जो कि परिवादी के अधूरे पते के कारण नोटिस वापस आ गई जिसके बाद दो समाचार पत्रों में नीलामी हेतु सार्वजनिक सूचना प्रकाशित की गई, इसके बाद भी परिवादी ने ऋण के एवज में किसी राशि का भुगतान नहीं किया तब दिसंबर 2016 में नीलामी का ऋण की वसूली की गई।
यह भी पढ़ें :जनता कांग्रेस अध्यक्ष अमित जोगी ने आपने क्रोध के लिए माफी मांगी, और बेहद भावुक बातें कह
फोरम का फैसला :
जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये एवं लता चंद्राकर ने प्रकरण में पेश दस्तावेजों और तर्कों के आधार पर यह पाया कि परिवादी ने ऋण राशि अदा करने का प्रयास किया था ऐसा कोई प्रमाण नहीं है। परिवादी ने नीलामी से पहले बैंक को ऋण की कोई भी राशि अदा नहीं की थी, तब बैंक ने आभूषणों को विक्रय किया और इससे बैंकों 162306 रुपये प्राप्त हुए जिसे ऋण में समायोजित करने के बाद शेष अतिरिक्त राशि 40562 रुपये बची, जिसे परिवादी प्राप्त करने का अधिकारी है लेकिन बैंक ने नीलामी के पश्चात मिली राशि में से अतिरिक्त बची राशि 40562 रुपये परिवादी को वापस करने का कोई प्रयास नहीं किया। बैंक का यह आचरण सेवा में निम्नता एवं घोर व्यवसायिक दुराचरण की श्रेणी में आता है।
जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये एवं लता चंद्राकर ने आईसीआईसीआई बैंक की स्थानीय शाखा और मुख्यालय पर 51562 रुपये हर्जाना लगाया जिसके तहत गहने बेचने के बाद शेष अतिरिक्त राशि 40562 रुपये, मानसिक क्षतिपूर्ति स्वरूप 10000 रुपये तथा वाद व्यय के रूप में 1000 रुपये देना होगा साथ ही फोरम ने दिनांक 8 दिसंबर 2016 से 6 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज भी देने का आदेश दिया।