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इंकटोबर पर पेंटिंग से सजा बास्केटबॉल ग्राउंड, थाई क्लासिकल ने बांधा समा

पहले उत्सव का उत्साह / इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय ने भी इस बार मनाया इंकटोबर। मॉरीशस से आए छात्र अक्षय ने विश्वविद्यालय के 250 स्टूडेंट को इस नए इवेंट से जोड़ा। शाम होते ही थाई क्लासिकल ने समा बांधा और श्रीलंकाई छात्रों ने नाटक खेला।

नियाव@ खैरागढ़

इंक यानी स्याही की उपयोगिता दिखाने और छात्र-छात्राओं को इसके लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से संगीत विश्वविद्यालय में पहली बार इंकटोबर मनाया गया। सोमवार को विश्वविद्यालय का बास्केटबॉल ग्राउंड पेंटिंग से सजा दिखा। शाम होते ही इसी जगह महफिल जमी और थाईलैंड के छात्रों ने थाई क्लासिकल की प्रस्तुति दी। इसके बाद नाट्य विभाग के श्रीलंकाई छात्रों ने इससे संबंधित नाटक खेला। इस तरह इंकटोबर पर विश्वविद्यालय का माहौल कुछ अलग ही रंग में रंगा नजर आया।

इंकटोबर मनाने की शुरुआत तो 15 दिन पहले ही हो चुकी थी। चित्रकला और ग्राफिक्स के छात्र इसकी तैयारी में जुटे हुए थे। इस पूरे आयोजन की जिम्मेदारी ली मॉरीशस के छात्र अक्षय सिबालक ने। उन्होंने छात्र-छात्राओं को इंकटुबर के बारे में बताया और तैयार किया। इसके चलते तकरीबन 250 स्टूडेंट इस कार्यक्रम के हिस्सा बने। सोमवार को सुबह से ही बास्केटबॉल ग्राउंड में चित्रकला प्रदर्शनी की तैयारी चलती रही। वहां के छात्र अक्टूबर के 15 दिन में किए गए अपने कामों को प्रदर्शित करने आतुर दिखे। इस दौरान दुनिया के बड़े-बड़े चित्रकारों की पेंटिंग को खुद बनाकर उसका प्रदर्शन किया। इसमें ताइवान के कियह कियान चांग, बैंगलोन के कियान जोआन, फ्रांस के अनीस जिम्मेसीमान और जैक पार्कर जैसे कलाकारों के नाम शामिल हैं। अक्षय का कहना है कि उनके लिए गर्व की बात है कि ऐसे कलाकारों के काम को प्रदर्शित करने का उन्हें मौका मिला।

 पेंटिंग से सजा ग्राउंड / बास्केटबॉल ग्राउंड पर उभरा चित्रकला के छात्र-छात्राओं का हुनर

 inktober exibition

 

जैक पार्कर ने शुरू किया था इंकटोबर

इंकटोबर की शुरुआत 2009 में हुई। कॉमिक्स शॉर्ट-स्टोरी निर्माता, अवधारणा कलाकार, चित्रकार और एनिमेटर जेक पार्कर ने अमेरिका में इसे शुरू किया। उन्हें एजेंट-44 के नाम से भी जाना जाता है। अक्टूबर के दौरान स्याही ड्राइंग का यह वार्षिक उत्सव पूरी दुनिया में लोकप्रिय है।

 

थाई क्लासिकल ने मोहा मन / इंकटोबर के अवसर पर थाईलैंड के छात्र ने बांधा समा 

 

क्रिटिक जॉनी एमएल ने किया गाइड

डीन प्रो. वी नागदास ने बताया कि दिल्ली के आर्ट क्रिटिक जॉनी एमएल इन दिनों दृश्यकला संकाय के गेस्ट फेकल्टी हैं। उन्होंने इंकटोबर के लिए छात्रों को गाइड किया। यही नहीं 12 अक्टूबर को मनाए गए इवन-ऑड-वन पर ब्लॉग भी लिखा और छात्र-छात्राओं के मेहनत की तारीफ की।

 

बास्केटबॉल ग्राउंड पर खेला नाटक /  श्रीलंकाई छात्रों की प्रस्तुति ने हिलने नहीं दिया 

 

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Last modified on Thursday, 09 January 2020 12:12

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