सरकार बदलते ही बदले अध्यक्ष के तेवर /दो साल पहले 901 वोटों से जीत दर्ज कर पालिका के अध्यक्ष पद पर कब्जा करने वाली कांग्रेस 20 में से 19 वार्डों में बुरी तरह हारी। इसमें से 12 में तो दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाई। नगर में हार-जीत का आकलन अभी बाकी है, जबकि प्रदेश में स्पष्ट बहुमत का असर नगर की सरकार पर दिखने लगा है। शुक्रवार को नगर पालिका अध्यक्ष मीरा चोपड़ा ने पीआईसी (प्रेसिडेंट इन काउंसिल) भंग कर दी। उन्होंने सीएमओ को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी है।
पीआईसी मेंबर शैलेंद्र वर्मा से बात करते अध्यक्ष पति गुलाब चोपड़ा।
नियाव@ खैरागढ़
नगर पालिका की राजनीतिक उथल-पुथल से पहले विधानसभा चुनाव के परिणाम पर नजर डालें तो कुल 12 हजार 370 मतदाताओं में से 5556 ने जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी देवव्रत सिंह पर विश्वास जताया है। कुल 4495 वोटों के साथ भाजपा के कोमल जंघेल दूसरे स्थान पर रहे हैं। वहीं कांग्रेस के गिरवर जंघेल को मात्र 1962 वोट भी प्राप्त हुए। इस तरह देखा जाए तो देवव्रत को अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कोमल से 1061 वोट ज्यादा मिले, जबकि गिरवर उनसे 3594 वोट पीछे रहे। नगर पालिका के 20 वार्डों में से सात में कांग्रेस का कब्जा है और 12 में भाजपा के पार्षद हैं। केवल एक वार्ड-13 धनेली में जोगी कांग्रेस का पार्षद है। इसके बावजूद देवव्रत का बोलबाला रहा।
हालांकि पीआईसी भंग करने पीछे का कारणों का खुलासा नहीं हुआ है। अध्यक्ष मीरा चोपड़ा का कहना है कि नगर विकास के लिए नई टीम का गठन किया जाएगा। इसलिए पीआईसी भंग की गई है। सरकार के पास एल्डरमैनों की सूची भी भेजी जाएगी। इसके अलावा अध्यक्ष की एक सलाहकार समिति भी बनेगी, जिसमें नगर के प्रबुद्धजनों को शामिल किया जाएगा।
निशाने पर हैं नगर पालिका के उपाध्यक्ष / पीआईसी भंग करने के साथ ही उपाध्यक्ष रामाधार रजक के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की सुगबुगाहट तेज हो गई। नई पीआईसी में भाजपा के कुछ पार्षदों को भी शामिल किए जाने के संकेत भी मिल रहे हैं। हालांकि रामाधार का कहना है कि उन्हें इस तरह के घटनाक्रम की जानकारी नहीं है। भाजपा में ऐसे फैसले संगठन से बाहर नहीं लिए जाते। अगर ऐसी परिस्थिति बनी भी तो वे इस्तीफा सौंप देंगे।
जानिए पीआईसी सदस्यों के वार्ड में गिरवर की स्थिति
0 अध्यक्ष मीरा चोपड़ा के गृह वार्ड और स्वास्थ्य विभाग के सभापति सोनू ढीमर के वार्ड-11 में देवव्रत को 410 और गिरवर को 166 वोट मिले।
0 लोकनिर्माण विभाग के सभापति मनराखन देवांगन के वार्ड वाले दोनों बूथों 219 और 219 क में देवव्रत को क्रमश: 231 और 240 वोट मिले, जबकि गिरवर 94 और 90 वोट से ही संतोष करना पड़ा।
0 राजस्व सभापति सुबोध पांडेय के वार्ड-8 में देवव्रत को 193 और गिरवर को 95 वोट मिले। यहां 237 वोटों के साथ कोमल आगे रहे।
0 महिला एवं बाल विकास विभाग के सभापति सुमन पटेल के वार्ड वाले बूथ 221 में देवव्रत को 440 वोट हासिल हुए, जबकि गिरवर 121 पर अटक गए।
0 सभापति दिलीप लहरे के वार्ड-20 में देवव्रत को 276 और गिरवर को मात्र 51 वोट मिले।
0 वार्ड-2 पिपरिया के पार्षद शैलेंद्र वर्मा ही एकमात्र सभापति हैं, जिनके वार्ड में गरिवर ने 294 वोट हासिल कर निकटतम प्रतिद्वंदी कोमल जंघेल से 10 वोटों की बढ़त बनाई।
चार वार्ड ही जिता पाए भाजपा के पदाधिकारी / शक्ति केंद्र प्रभारियों के साथ पन्नों पर वोट गिन रही भाजपा चार वार्डों 1, 8, 12 और 19 में ही जीत दर्ज करा पाई। जनपद अध्यक्ष विक्रांत सिंह और महामंत्री भागवत शरण सिंह के वार्ड-3 में कोमल जंघेल 73 वोटों से पिछड़े और उपाध्यक्ष रामाधार रजक के वार्ड-9 से देवव्रत 7 वोटों से आगे रहे। यही हाल बाकी वार्डों का भी रहा।
भाजपा के एक शक्तिकेंद्र प्रभारी के पास थे चार बूथ
0 महामंत्री भागवत शरण सिंह:- दोनों पिपरिया में से एक जीते, टिकरापारा में आगे रहे और खम्हरिया हार गए।