ऐसे तय की जीत / लोधियों के विरुद्ध साहू वोटरों को साधा, जंगलपट्टी पर दिया जोर। खादी, नवागांव, देवपुरा घाट, आमगांव और कोपरो जैसे बूथ भी भाजपा से छीन लिए। राहुद, पांडुका, सूराडबरी, भीमपुरी, अतरिया आदि गांवों में भी बनाई बढ़त।

नियाव@ खैरागढ़
विधानसभा चुनाव में आंकड़ों के हिसाब से छोटी लेकिन राजनीतिक दृष्टि से देवव्रत सिंह के लिए यह बड़ी जीत है। अंतर भले ही 856 वोटों का रहा, लेकिन जीत हासिल करने में उनके 25 साल की राजनीति का निचोड़ काम आया। तभी तो लोधी समाज के विरुद्ध साहू वोटरों को साधने की रणनीति बनाई। चार माह से जंगलपट्टी में दिनरात मेहनत करते रहे। जनता के बीच पैंठ बनाने के लिए जन मुद्दों को पूरे दमखम से उठाया। उस पर भाजपा-कांग्रेस के नेताओं ने मौन रहकर देवव्रत की रणनीति को मजबूत किया।
चुनाव के दौरान देवव्रत ने अपने दोनों प्रतिद्वंदियों पर जमकर निशाना साधा। दोनों के कार्यकाल पर उंगलियां उठाईं। फिर वह साल्हेवारा की सभा हो या दुबेलिया साहू समाज का सम्मेलन। उनके हर भाषण में कोमल और गिरवर दोनों निशाने पर रहे। जबकि भाजपा और कांग्रेस के दिग्गजों ने चुप्पी साधे रखी। इसका फायदा देवव्रत को मिला। जोगी कांग्रेस के गिने-चुने कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा-कांग्रेस में उनके समर्थकों की अच्छी खासी संख्या के बूते वे हर बूथ पर मजबूत होते चले गए। जंगलपट्टी में खादी, नवागांव, देवपुरा घाट, आमगांव और कोपरो जैसे बूथ भी भाजपा से छीन लिए। राहुद, पांडुका, सुराडबरी, भीमपुरी, अतरिया आदि गांवों में भी बढ़त बना ली।
पहले बनाई पैंठ, फिर तय किया जीत का रास्ता
0 जोगी का दामन थामते ही देवव्रत सिंह ने समर्थकों से संपर्क करना शुरू कर दिया। जंगलपट्टी को मजबूत किया। फिर मैदानी इलाके में भी घूमे।
0 जन मुद्दों पर जमीनी लड़ाई शुरू की। अमलीपारा पुल निर्माण और प्रधानपाठ बैराज में हुए भ्रष्टाचार को लेकर सरकार पर जमकर हमला बोला।
0 विभिन्न सामाजिक संगठनों, सांस्कृतिक समितियों और युवा खिलाड़ियों में पकड़ मजबूत की। वे दोनों प्रत्याशियों की अपेक्षा मैनेजमेंट में काफी आगे रहे।
0 चुनाव के दौरान देवव्रत ने अपनी आक्रामक शैली बरकरार रखी। सरकार और मौजूदा विधायक गिरवर के खिलाफ जमकर बोले। पूर्व विधायक कोमल को भी आड़े हाथों लिया।
नए रास्ते पर निकल चुका हूं, पांच साल तक सेवा करुंगा: देवव्रत
बुधवार को विजय जुलूस के बाद राजीव चौक में हुई सभा को संबोधित करते हुए देवव्रत सिंह ने मतदाताओं का आभार जताया और कहा कि हो सकता है पहले विधायक व सांसद के कार्यकाल में मुझसे कुछ गलतियां हुई होंगी, लेकिन आज एक नए रास्ते पर मैं निकल चुका हूं। आने वाले पांच सालों तक आपका साथ चाहिए। मैं कोशिश करुंगा कि अपने को बेहतर बना सकूं और आपकी आशा के अनुरूप पांच वर्षों तक सेवा कर सकूं। एक नई मंजिल पर खैरागढ़ को ले जाना है। हम एक नई परिभाषा खैरागढ़ को देंगे।
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