24 फरवरी को PM Narendra Modi के निमंत्रण पर अमेरिकी राष्ट्रपति Trump दो दिवसीय भारत के दौरे पर आ रहे हैं। मंगलवार ट्रम्प ने इस दौरे से सम्बंधित जानकारी मिडिया को दी। इससे पहले दिन में सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया के लिए सरकार अहमदाबाद में उसी तरह 'केम छो, ट्रंप' कार्यक्रम का आयोजन करने जा रही है, जिस प्रकार टेक्सास में प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत मे 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। मगर, इससे पहले ही ट्रंप के एक कदम को लेकर भाजपा की पूर्व सहयोगी शिवसेना ने मोर्चा खोल दिया है।
शिवसेना ने अमेरिका के विकासशील राष्ट्रों की सूची से भारत को हटाने पर उसकी आलोचना की है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा- भारत को मिलने वाली सभी सब्सिडी और लाभ अब नहीं मिलेंगे। जब भी कोई मेहमान आता है, तो वह प्यार के टोकन के रूप में कुछ उपहार लाता है। मगर, राष्ट्रपति ट्रंप ने इस परंपरा को तोड़ दिया। भारत में ट्रंप के स्वागत की तैयारी चल रही है और अमेरिका ने भारत को विकासशील देशों की सूची से हटा दिया है। यह हमारी अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका है। भारत का नाम जब विकासशील देशों की सूची में होता था, तो सब्सिडी और कर लाभ मिला करते थे। मगर, अब वह सब नहीं मिलेगा।
अमेरिका ने 10 फरवरी 2020 को कुछ अन्य देशों के साथ भारत को भी विकासशील देशों की अपनी सूची से हटा दिया, जिन्हें इस बात की जांच से छूट है कि क्या वे अनुचित सब्सिडी वाले अमेरिकी उद्योग को नुकसान पहुंचाते हैं। अमेरिका ने भारत को शामिल करने वाले स्व-घोषित विकासशील देशों की सूची के लिए अपनी विशेष प्राथमिकताओं को समाप्त कर दिया। GSP ( सामान्यीकृत प्रणाली वरीयताएं ) अमेरिका की सबसे पुरानी तरजीही व्यापार योजना है, जिससे भारतीय निर्यातकों को निःशुल्क पहुंच मिलती थी।
विकासशील राष्ट्रों की सूची से भारत को हटाने के लिए अमेरिका के इस कदम से जीएसटी योजना के तहत भारत को अपने लाभों को पुनः प्राप्त करने के सभी अवसरों के खत्म होने की आशंका है। नरेंद्र मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत ने अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में अपनी एक उच्च प्रोफाइल वाले देश की छवि पेश की है। हालांकि, यह दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक है। देश में प्रति व्यक्ति आय मात्र 2,016 डॉलर के साथ प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद के मामले में भारत दुनिया का 146वां देश है।