राजस्थान : मामला राजस्थान के चुरू का है सोशल मीडिया पर कुछ स्क्रीनशॉट्स वायरल होती है जो प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों के कथित ग्रुप चैट से संबंधित है इस चैट में मुस्लिम मरीजों का इलाज ना करने की बात कही गई। पुलिस को इसकी रिपोर्ट मिली है और पुलिस जांच में जुटी हुई।
इस मामले में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डॉक्टर सुनील कुमार मीणा (IFMSA अध्यक्ष) के द्वारा किया जाता है यह पोस्ट 7 जून का है। जिसमें डॉक्टर सुनील कुमार कहते हैं कि सरदारशहर चुरु राजस्थान के यह डॉक्टर्स मुस्लिम मरीजों का इलाज नहीं करने के लिए बातचीत कर रहे हैं डॉक्टर सुनील राजस्थान सरकार से कार्यवाही की मांग करते हैं।
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'इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक सरदारशहर के श्रीचंद बराडिया रोग निदान केंद्र के डॉक्टर सुनील चौधरी ने इस मामले पर माफी मांगी है उन्होंने फेसबुक पर इन तमाम चैट्स के लिए माफी मांगी है उनका कहना है कि अस्पताल स्टाफ का मकसद किसी धार्मिक समुदाय की भावना को आहत पहुंचाना नहीं था।

'इंडियन एक्सप्रेस' के अनुसार 'ब्राइड राइस' नाम के व्हाट्सएप ग्रुप जो डॉक्टरों का ग्रुप है जिसमें लिखा गया कि कल से मैं मुस्लिम पेशेंट का एक्स-रे नहीं करूंगा यह मेरी शपथ है और इसी व्यक्ति ने यह भी कहा कि मुस्लिम मरीजों को देखना ही बंद कर दो।
अब जो स्क्रीनशॉट सामने आए और जो सोशल मीडिया पर वायरल स्क्रीनशॉट्स है इसमें साफ तौर पर हिंदू मुस्लिम को भड़काने वाली बातें लिखी गई है एक व्यक्ति लिखता है कि 'अगर हिंदू पॉजिटिव होते मुस्लिम डॉक्टर होता तो हिंदुओं को कभी नहीं देखते मैं नहीं देखूंगी मुस्लिम ओपीडी, बोल देना मैडम को नहीं है यहां।'
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इस मामले में पुलिस ने इंडियन एक्सप्रेस से बात की :
सरदारशहर पुलिस स्टेशन के उप निरीक्षक रमेश पन्नू ने इंडियन एक्सप्रेस से बात की और बताया कि स्क्रीनशॉट्स की जांच की जा रही है।
डॉक्टर ने मांगी माफी :
अस्पताल और कथित चैट से जुड़े डॉ सुनील चौधरी ने 'इंडियन एक्सप्रेस' को बताया कि स्क्रीनशॉट अप्रैल के हैं उन्होंने फेसबुक पर माफी मांग ली है।
मैंने सोशल मीडिया पर इसके लिए माफी मांग ली है. चैट तब की है, जब तबलीगी जमात के केस आ रहे थे। हमारे इलाके में कई केस थे. अगर आप देखें कि हम रोजाना कितने मुस्लिम मरीज देखते हैं तो उसका इन चैट्स से कोई नाता नहीं मिलेगा। बड़े स्तर पर कोरोना फैलने के दौर में भी मैं 24 घंटे हेल्थकेयर सुविधाएं दे रहा था।
हमने कभी किसी से जाति-धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया। मैंने समुदाय के सदस्यों से भी बात की है, जिन्होंने शिकायत की। मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए और डॉक्टरों को बग़ैर किसी वजह सजा नहीं मिलनी चाहिए।
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