ख़ैरागढ़. सोलहवें दीक्षांत समारोह व ख़ैरागढ़ महोत्सव में संगीत विवि ने लगभग 3 करोड़ खर्च कर डाले। हालांकि शासन ने ख़ैरागढ़ महोत्सव के लिए मात्र 5 लाख रूपए स्वीकृत किए थे। लेकिन नियमों को ताक में रखकर 3 करोड़ रूपए की भारी भरकम राशि खर्च की गई है। इंदिरा कला संगीत विवि के अधिकारियों का मामले में तर्क है कि परीक्षा मद सहित विवि के अन्य मदों से राशि निकालकर इन दोनों कार्यक्रमों में खर्च की गई है। रायपुर की इवेंट मैनेजिंग एजेंसी व्यापक इंटर प्राइजेस को ही 2 करोड़ 49 लाख 90 हज़ार 271 रूपए का भुगतान किया गया है। व्यापक इंटरप्राइजेस को यह भुगतान दीक्षांत समारोह और ख़ैरागढ़ महोत्सव में 27 अप्रैल 2022 से लेकर 30 अप्रैल 2022 तक पंडाल ( डोम ),लाईट,साउंड,एलईडी टीवी,भोजन सहित अन्य व्ययों के लिए किया गया है। एजेंसी को उक्त भुगतान 9 जुलाई 2022 को किया गया है।
नहीं है बिल में व्ययों का उल्लेख
व्यापक इंटर प्राइजेस के प्रस्तुत बिल ( टैक्स इनवॉइस ) में भी पंडाल ( डोम ),लाइट, साउंड,एलईडी टीवी,भोजन का कोई विस्तृत विवरण नहीं है। बल्कि दीक्षांत समारोह व ख़ैरागढ़ महोत्सव के लिए प्रस्तुत बिल में ही संपूर्ण भुगतान किया गया है।
न निविदा आमंत्रित की,न कोटेशन मंगाया
व्यापक इंटरप्राइजेस को काम देने से पहले संगीत विवि ने न ही सार्वजनिक रूप से निविदा आमंत्रित की। और न ही किसी तरह से कोई कोटेशन मंगाया। जबकि नियमानुसार 3 लाख तक व्ययों कोटेशन मंगाया जाना था। उससे ऊपर के व्ययों के लिए सार्वजनिक निविदा अखबारों के माध्यम से जारी करने का नियम है। लेकिन विवि ने इन सभी नियमों को ताक में रखकर शासन की एप्रूव्ड एजेंसी का हवाला देते हुए काम दे दिया। तकनीकी जानकारों का मानना है कि यदि शासन की एप्रूव्ड एजेंसी के नाम पर भी व्यापक इंटर प्राइजेस को काम दिया गया तो भी शासन की ही अन्य एजेंसियों से निविदा आमंत्रित किया जाना था।
परीक्षा मद की राशि महोत्सव में खर्च करने पर भी उठ रहे सवाल
विवि प्रशासन के परीक्षा मद सहित अन्य मदों की राशि भी ख़ैरागढ़ महोत्सव में खर्च करने पर भी सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि आम तौर पर जो राशि जिस मद में होती है। उसे उसी मद में खर्च किया जा सकता है। लेकिन विवि प्रशासन ने नियमों के परे जाकर परीक्षा सहित अन्य मदों की राशि ख़ैरागढ़ महोत्सव में खर्च कर दिए।
मैं नहीं हूं अधिकृत,आईडी तिवारी देंगें जवाब - नरेंद्र गढ़े, एफओ,इंदिरा कला संगीत विवि,ख़ैरागढ़
मामले में सबसे गैर जिम्मेदाराना बयान शासन से संगीत विवि में पदस्थ वित्त अधिकारी ( एफओ ) नरेंद्र गढ़े का रहा है। एफओ नरेंद्र गढ़े खर्च से संबंधित सवाल पूछे जाने पर कहा कि वे जवाब देने के लिए अधिकृत नहीं है। इसका जवाब विवि के कुलसचिव आई.डी.तिवारी या पी आर ओ विनोद डोंगरे ही दे पाएंगे।
सीधी बात
आई.डी.तिवारी,कुल सचिव,इंदिरा कला संगीत विवि,ख़ैरागढ़
सवाल :- शासन ने महोत्सव के लिए मात्र 5 लाख स्वीकृत किए थे। तो 3 करोड़ कहाँ से खर्च किए गए ?
जवाब :- महोत्सव के लिए पहले भी शासन से इतनी ही राशि की स्वीकृति मिलती रही है। बाकी राशि अन्य मदों खर्च की जाती रही। बीते वर्ष भी परीक्षा सहित अन्य मदों से राशि खर्च की गई है।
सवाल :- क्या यूजीसी सहित अन्य मद के पैसों को महोत्सव में खर्च किया जा सकता है ?
जवाब :- यूजीसी से कोई राशि नहीं मिलती है। ये विवि के ही अन्य मदों की राशि है।
सवाल :- व्यापक इंटरप्राइजेस,रायपुर को इवेंट मैनेजिंग का जो कार्य दिया गया है। उसके लिए कितने टेंडर आए थे ?
जवाब :- आचार संहिता लगा हुआ था। इसीलिए निविदा प्रक्रिया नहीं की गई है।
सवाल :- मतलब टेंडर प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। क्या कोटेशन मंगाया गया ?
जवाब :- व्यापक इंटर प्राइजेस शासन से एप्रूव्ड एजेंसी है। इसके लिए निविदा व कोटेशन की आवश्यकता नहीं होती। क्योंकि भुगतान शासन की स्वीकृत दर पर ही होता है।