ख़ैरागढ़ 00 सहसपुर में आयोजित विधिक सेवा शिविर में कार्यवाहक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विवेक गर्ग ने कहा कि यह अवधारणा किसी भी व्यक्ति के पक्ष में विशेषाधिकार के अभाव को दर्शाता है। इसका तात्पर्य देश के अंतर्गत सभी न्यायालयों द्वारा प्रशासित कानून के सामने सभी व्यक्तियों के साथ समान व्यवहार किया जाएगा, चाहे व्यक्ति अमीर हो या गरीब, सरकारी अधिकारी हो या कोई गैर-सरकारी व्यक्ति, क़ानून से कोई भी ऊपर नहीं है। गर्ग ने पॉक्सो एक्ट के बारे में बताते हुए कहा गया कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने के लिए पोक्सो अधिनियम बनाया गया है। इस कानून के जरिए नाबालिग बच्चों के प्रति यौन उत्पीड़न, यौन शोषण और पोर्नोग्राफी जैसे यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है। इस कानून के अंतर्गत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा निर्धारित की गई है। इस कानून के अंतर्गत 18 वर्ष से कम उम्र की बालिका की सहमति असहमति का कोई अर्थ नहीं होता है।
न्यायधीश गर्ग ने मोटर व्हीकल एक्ट के बारे में बताया,
बाइक चलाते समय हमेशा हेलमेट पहनने,शराब पीकर गाड़ी ना चलाने,सही तरीके से इंडिकेटर का उपयोग करने,हमेशा गाड़ी चलाते समय सामने की तरफ नजर बनाए रखें और ध्यान से गाड़ी चलाने,पीछे की ओर सेआते हुए गाड़ियों पर मिरर की मदद से ध्यान बनाए रखने,ओवरटेक करते समय सभी नियमों का ध्यान रखने की सीख दी।
पैरा लीगल वालंटियर गोलूदास साहू ने आजकल समान रूप से घटित होने वाले साइबर अपराध के बारे में बताया किसी भी कंप्यूटर का अपराधिक स्थान पर मिलना या कंप्यूटर से कोई अपराध करना कंप्यूटर अपराध कहलाता है। कंप्यूटर अपराध मे नेटवर्क शामिल नहीं होता है। किसी की निजी जानकारी को प्राप्त करना और उसका गलत इस्तेमाल करना। किसी की भी निजी जानकारी कंप्यूटर से निकाल लेना या चोरी कर लेना भी साइबर अपराध है।