ख़ैरागढ़ 00 ग्राम पंचायतों में आर्थिक अनियमितता के मामले सिद्ध होने के बावजूद राजनीतिक प्रभावों के चलते सरपंच सचिवों को बख्शा जा रहा है। पेंड्री के मामले में शुरू से ही अधिकारियों का रवैया लचर रहा है।उल्टे शिकायत कर्ताओं को धमकाया जा रहा है। हालांकि की पेंड्री पंचायत के जांच के मामले में भी शुरू से अधिकारियों का रवैया लचर ही रहा है। मामले की जांच में भी शुरू से ही काफी टालमटोल किया गया। और जांच के दौरान ही साफ हो चुका था। अधिकारी दोषी सरपंच सचिव को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। पर दोषियों के ग्राम सभा में स्वीकारोक्ति के बाद से संभावनाएं जताई जा रही थी कि अनुविभागीय अधिकारी स्तर पर उक्त दोनों पर धारा 40 के तहत कार्यवाही की जाएगी। पर प्रशासनिक रवैये से ग्रामवासियों में खासा आक्रोश है।
फ़र्ज़ी बिलों के सहारे आहरित की राशि
सारी राशि का आचरण फ़र्ज़ी बिलों के सहारे किया गया है। जो अपराध की श्रेणी में आता है। इसके बावजूद मामले में लचर प्रशासनिक रवैया मिलीभगत की ओर इशारा करता है। पंचायत में लगाए गए ज्यादातर बिल एक ही फर्म के हैं।
नहीं हुई कार्यवाही तो करेंगें आने वाले चुनावों का बहिष्कार
शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि जिस तरह से पूरा प्रशासन दोषी सरपंच सचिव को बचाने का प्रयास कर रहा है। ऐसे में ग्रामवासियों के पास एक ही रास्ता बच जाता है कि वे आने वाले चुनाव का बहिष्कार करें। और ग्रामवासी इस दिशा में मन बना रहे हैं कि यदि कार्यवाही नहीं हुई तो वे आने वाले समस्त चुनाव का बहिष्कार करेंगें।