रहने के लिए नहीं है आवास ,सरकारी भवन में रहने को मजबूर
खैरागढ़. प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लाभार्थियों का हाल फिलहाल आसमान से गिरे और खजूर पर अटके जैसा हो चुका है, पक्के घर की आस में कच्चा घर गिराने के बाद बरसात के इन दिनों में गरीब फिलहाल बेघर हो चुके हैं।पहली तथा दूसरी किस्त मिलने के बाद उम्मीदें परवान चढ़ी लेकिन तीसरी तथा चौथी किस्त समय से नहीं मिलने पर आवास अधर में लटके हैं। मामला खैरागढ़ जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत जुनवानी में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लाभार्थी किस्त नहीं मिलने के चलते शासकीय एवं जर्जर भवन में रहने को मजबूर हैं। स्थानीय निवासी चंद्रिका कुमारी जांगड़े पति पूरन जांगड़े ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना में 2 वर्ष पूर्व नाम आने के बाद कच्ची मकान को तोड़ कर पक्की मकान बनाना शुरू किया था लेकिन किस्त सही समय पर नहीं मिलने पर मकान अधूरा पड़ा हुआ है।
रहने के लिए नहीं है घर
चंद्रिका कुमार जांगड़े ने बताया कि उसके पास रहने के लिए घर नहीं है मकान बनाने के चक्कर में जिस कच्चे मकान में रह रहे थे उसे तोड़कर पक्की मकान बनाया जा रहा था लेकिन किस्त सही समय पर नहीं मिलने की वजह से मकान अधूरा है और हमें रहने के लिए ग्राम पंचायत की तरफ से शासकीय जर्जर भवन दिया गया है जो खतरे से खाली नहीं है कभी भी मकान की छत गिर सकता है । सरपंच से इसकी शिकायत करने पर भी सरपंच इस ओर ध्यान नहीं दे रहे और मौत का इंतजार कर रहा है।
बिच्छु मार चुका है डंक
चंद्रिका बाई ने साथ ही बताया कि वह जिस मकान में रहता है उस में सांप बिच्छू कई बार आ चुके हैं दो बार बिच्छू ने डंक मार दिया जिससे उसके लकवा पीड़ित पति की हालत और गंभीर हो गया था पति लकवा पीड़ित होने की वजह से 10 साल से घर में ही रहता है जिस वजह से परिवार की स्थिति बहुत ही दयनीय हो गई है।