विश्व भर के वैज्ञानिकों तथा शोधकर्ताओं ने यह बात पुष्टि के साथ बताया है कि चिकन और अंडा से कोरोना होने का कोई भी संबंध नहीं है।
अब बात सेहत की करते है
हैदराबाद, निदेशालय पोल्ट्री अनुसंधान के वैज्ञानिकों अनुसार जिन लोगो में रोगों से लड़ने की छमता अर्थात प्रतिरोधक छमता जितनी ज्यादा होती है उतनी ही बीमार होने की आशंका काम हो जाती है, ठीक इसी तरह जो लोग मांसाहारी है, सीधे तौर पर कहा जाए तो प्रोटीन कि मात्रा अंडा और चिकन के तौर पर लेते है ऐसे में मांसाहारी लोगों को रोग प्रतिरोधक क्षमता और मजबूत करने के लिए मांसाहारी आहार को बढ़ा देना चाहिए। उन्होंने लोगों को सलाह दी कि कम मसाले और तेल में अच्छी तरह से पके चिकन या अंडे को नियमित रूप से आहार का हिस्सा बनाया जा सकता है।

पॉल्ट्रीफार्म में काम करने वाले किसी व्यक्ति को कोरोना वायरस के लक्षण भी पाये जाते हैं तो इसका पॉल्ट्री पर कोई असर नहीं होगा :
वैज्ञानिक एम आर रेड्डी और चंदन पासवान ने कहा कि चिकन और अंडे में ‘हाई क्चालिटी प्रोटीन’ पाया जाता है जिससे शरीर में एंटीबॉडी का निर्माण होता है। इससे लोगों में प्राकृतिक रुप से रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है या इससे उसे मजबूती मिलती है।
अफवाह की वजह से पॉल्ट्री फार्म को नुक़सान
इस बीच पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री गिरिराज सिंह और राज्य मंत्री संजीव कुमार बालियान ने भी कहा है भ्रांति फैलाये जाने के कारण पॉल्ट्री उद्योग को भारी नुकसान हुआ है और इसके मूल्य पहले की तुलना में एक तिहाई से भी कम हो गये हैं। उन्होंने कहा कि चिकन और अंडे लोगों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित हैं और इसका कोरोना वायरस से कोई संबंध नहीं है। केन्द्र सरकार इस संबंध में राज्यों के सम्पर्क में है और उन्हें उचित सलाह दी गयी है।