नवाब रजा अली खां की अरबों रुपये संपत्ति के बंटवारे की प्रक्रिया चालू है। इस दौरान शनिवार को एडवोकेट कमिश्नर अरुण प्रकाश सक्सेना, मुजम्मिल हुसैन व सौरभ सक्सेना लक्खी बाग कोठी शाहबाद पहुंचे। सर्वे कार्य के दौरान कई पक्षकार और उनके अधिवक्ता भी मौजूद रहे।
कोठी बेनजीर की तरह कोठी लक्खीबाग की बर्बादी सामने आई है। नवाबों ने यह सोचा भी नहीं होगा कि जो महल व कोठियां बनवाई जा रही हैं, वह इस कदर बदहाल हो जाएंगी। एडवोकेट कमिश्नर को कोठी का प्रयोग गोदाम की तरह होते मिला। इसमें रतालू और बोरे भरे थे। कमरों में न तो फर्नीचर नहीं था और तो और कमरों के दरवाजे तक गायब हो गए थे। जहाँ नज़र घुमाओ सब तरफ गंदगी ही गंदगी दिख रही थी। छत और खिड़खियों के छड़ भी चोरी हो गए थे। पूरी कोठी तबाही और बर्बादी का मंजर बयान कर रही है।
एडवोकेट कमिश्नर अरुण प्रकाश सक्सेना ने पूरी संपत्ति का निरीक्षण किया। कमिश्नर ने इस संपत्ति पर काबिज लोगों के ठेकेदारों के बयान भी दर्ज किए। उनसे इसकी आमदनी, कब से काबिज हैं और कौन कौन सी फसलें उगाते हैं, इन सब का ब्योरा लिया। सभी कार्रवाई ऑन कैमरा की गई।
इस मौके पर पूर्व सांसद बेगम नूरबानो, पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां, पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद की बहू नवाबजादी सबा दुर्रेज अहमद, सबा के पुत्र जुलनूर अहमद, वरिष्ठ अधिवक्ता हर्ष गुप्ता, संदीप सक्सेना, सुयश गुप्ता, हुकुम ङ्क्षसह व पूर्व मंत्री के पीआरओ काशिफ खां मौजूद रहे।