उत्तर प्रदेश : कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ और डेप्युटी सीएम के पोस्टर चौराहों में लगाए, साथ ही साथ इस पोस्टर में बीजेपी मला और एमपी भी शामिल है,पोस्टर में सीएम और तमाम बीजेपी नेताओ के फोटो लगाते हुए लिखा गया है कि "जनता मांगे जवाब - इन दंगाइयों से वसूली कब"
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Anti CAA प्रदर्शन अर्थात नागरिकता कानून के विरोध में दिसंबर में लखनऊ में काफी हिंसा हुई थी सार्वजनिक संपत्तियों को काफी नुकसान पहुंचाया था सरकार ने उस वक्त कह दिया था यूपी सरकार ने कहा था नुकसान की भरपाई नुकसान करने वालों से ही की जाएगी अब तक ऐसे 57 लोगो को उनके नाम और पते के साथ लखनऊ के कुछ चौराहों पर होर्डिंग्स लगाए गए। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में मामले पर स्वत संज्ञान लिया और सरकार से यह पोस्टर हटाने के लिए कह दिया इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस गोविंद माथुर जस्टिस रमेश सिन्हा की बैंच ने कहा था, "इस तरह सरकार की तरफ से सिर्फ आरोपों के आधार पर लोगों के पोस्टर लगाकर उनको अपमानित करना ठीक नहीं है सरकार की तरफ से कोई ऐसा काम नहीं किया जाना चाहिए जिससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे ऐसे पोस्टर लगाना सरकार के लिए भी गलत है और नागरिक के भी" इसी आदेश पर स्टे लगवाने के लिए यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है