खैरागढ़. ब्लाॅक के ग्राम गाड़ाघाट में शासकीय पॉलिटेक्निक खैरागढ़ की राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) ईकाई द्वारा एक दिवसीय शिविर का सफल आयोजन किया गया। शिविर में पुरुष और महिला इकाई के कुल 60 स्वयंसेवकों ने भाग लेकर समाज सेवा और जनजागरूकता का संदेश दिया। इस शिविर में स्वयंसेवकों ने गाँव की प्राथमिक, माध्यमिक, उच्चतर और उच्चतर माध्यमिक शालाओं में जाकर कई रचनात्मक और जागरूकता मूलक कार्यक्रम किया। प्राथमिक शाला में स्वयंसेवकों ने शिक्षा मित्र योजना के तहत बच्चों को पढ़ाया। साथ ही विद्यालय परिसर में स्वच्छता अभियान चलाते हुए साफ-सफाई की गई और दीवारों की पोताई कर प्रेरणादायक नारों का लेखन किया गया। इन नारों में एक कदम स्वच्छता की ओर, पढ़ेगा इंडिया, तभी तो बढ़ेगा इंडिया और स्वास्थ्य ही धन है जैसे संदेश शामिल थे। शिविर में देसी खेलकूद एवं गतिविधियाँ भी आयोजित की गईं। प्राथमिक शाला के बच्चों के लिए देसी खेल जैसे कितने भाई कितने, और आलू दौड़ आयोजित किए गए। इन खेलों ने बच्चों को उत्साह और आनंद से भर दिया। खेल प्रतियोगिताओं के विजेताओं को प्रधानपाठक एस आर धुर्वे द्वारा पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया।
माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शालाओं में जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। स्वयंसेवकों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से छत्तीसगढ़ शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं एवं सुशासन पर मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ऋण ब्याज अनुदान योजना, केंद्र और राज्य की छात्रवृत्ति योजनाओं, और एड्स जागरूकता जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर संदेश दिया। इन गतिविधियों ने न केवल छात्रों बल्कि ग्रामीणों को भी सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूक किया। यह शिविर संस्था के प्राचार्य एस. बी. वराठे, एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी बलवंत सिंह कोर्राम और अंशु प्रीति कुजूर, प्रकाश चंद खरे, आर. एन. गोंड के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक संचालित हुआ।
शिविर के दौरान गाँव के सरपंच और विद्यालय के प्राचार्यों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और अधिक सार्थक बना दिया। विकास की राह स्वच्छता से, स्वच्छता की राह सेवा से, जैसे नारों को साकार करते हुए स्वयंसेवकों ने ग्रामीण जीवन को संवारने का सराहनीय प्रयास किया। एक दिवसीय शिविर ने शिक्षा, स्वच्छता और जागरूकता के माध्यम से ग्रामीण समुदाय के साथ एनएसएस की सेवा भावना को मजबूती प्रदान की। ग्रामीणों और छात्रों ने स्वयंसेवकों के प्रयासों की प्रशंसा की और ऐसे आयोजनों की निरंतरता की मांग की।