कार्यवाही नहीं तो विधानसभा में गूंजेगा मामला
खैरागढ़. कांग्रेस में रहकर भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे रहने वाले पालिका अध्यक्ष शैलेन्द्र वर्मा के खिलाफ अब कांग्रेस नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है। विधायक यशोदा वर्मा ने नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव बसव राजू एस के कार्यालय में चेतावनी देते हुए कहा कि यदि नगरपालिका खैरागढ़ के मामलों में कार्यवाही नहीं हुई तो सभी मामले विधानसभा में उठाए जाएंगे। वहीं विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन ने सचिव से नगर पालिका परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष व वर्तमान पार्षद शैलेन्द्र वर्मा को नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 35 (क) के अन्तर्गत पार्षद पद से बर्खास्त करने व शासकीय राशि का फर्जी तरीका से भुगतान करने पर शासन को नुकसान पहुंचाने व धोखाधड़ी करने पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की।
पालिका में उपलब्ध नहीं है बिल व नस्ती
मनराखन ने सचिव बसवराजू को बताया कि नगर पालिका परिषद खैरागढ़ के तत्कालीन अध्यक्ष के खिलाफ पूर्व में कलेक्टर के.सी.जी.व नगरीय प्रशासन विभाग रायपुर को वर्ष 2023 में लिखित शिकायत किया था,कि तत्काल अध्यक्ष शैलेन्द्र वर्मा के कार्यकाल के दौरान जीम सामाग्री कय करने में भण्डार कय नियमों का पालन नहीं किया गया है साथ ही बिना निविदा प्रक्रिया के पार्षद/अध्यक्ष निधि से 25 जुलाई को रकम 17,64,000/- रूपये एवं उसी प्रकार 25 जुलाई रकम 2,00,000/- रूपये का भुगतान किया जाना दस्तावेज साक्षी के आधार पर प्रमाणित पाया गया है। इस भुगतान की प्रवृष्टि केशबुक एव रजिस्टर में अंकित है,किन्तु जिम सामाग्री का बिल नगर पालिका परिषद में उपलब्ध नहीं है और न ही भुगतान के पूर्व नस्ती का संधारण व रिकार्ड है। साथ ही साथ नगर पालिका परिषद के स्टाक पंजी में दोनो फर्मों से जीम सामाग्री खरीदी की कही पर भी प्रवृष्टि नहीं है।
अधिकारियों और कर्मचारियों का बयान हो चुका है दर्ज
मनराखन ने बताया कि नगर पालिका परिषद खैरागढ़ के पूर्व तत्कालीन अध्यक्ष शैलेन्द्र वर्मा व तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने अपने हस्ताक्षर से पार्षद/अध्यक्ष निधि से बिना सामाग्री कय किये हुए व्यक्तिगत लाभ उठाने के उद्देश्य से राशि की भुगतान की गई है। उक्त संबंध में कलेक्टर व राज्य शासन ने पूर्ण जांच व नगर पालिका से संबंधित अधिकारियो एंव कर्मचारियो का बयान दर्ज किया था। जिस आधार पर 9 मई को मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका परिषद खैरागढ़ से पूर्ण दस्तावेजो के साथ प्रतिवेदन कलेक्टर को प्रेषित कर दिया गया।
सीएमओ हो चुके हैं निलंबित
मनराखन ने बताया कि तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष शैलेन्द्र वर्मा ने स्वयं के आर्थिक लाभ उठाने के उद्देश्य से शासकीय राशि जो पूर्व कांग्रेस सरकार के समय नगर पालिका परिषद में प्राप्त हुआ था। उसे बिना सामाग्री कय किये संयुक्त हस्ताक्षर से आहरण किया गया है जो कि निकायहित के विपरीत है तथा नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 35 (क) के अन्तर्गत आता है। तथा शासकीय राशि का गबन करने के उद्देश्य से फर्जी चेक काटने पर आर्थिक रूप से शासन को नुकसान पहुंचाया गया है जो कि कानूनन दण्डात्मक कार्यवाही होना आवश्यक है। इस कारण उक्त प्रकरण में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किया जाना भी न्यायहित में आवश्यक है. इसी मामले में तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी कुलदीप झा को 16 अगस्त को सेवा भर्ती तथा सेवा शर्त नियम 2017 के नियम 33 के अन्तर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।
पूर्व जिला महामंत्री रामाधार ने उठाया था मामला
जिम खरीदी में भ्रष्टाचार के मामले को सबसे पहले जिला भाजपा के महामंत्री व पालिका के पूर्व उपाध्यक्ष रामाधार रजक ने उठाया था। रामाधार की शिकायत पर ही तत्कालीन सीएमओ कुलदीप झा को निलंबित किया गया था। पूर्व जिला महामंत्री ने नगरपालिका के भ्रष्टाचार के अन्य मामलों की भी शिकायत प्रदेश स्तर पर की थी।
पार्टी बदली तो बदली परिस्थिति
पूर्व पालिका अध्यक्ष ज़ब कॉंग्रेस की ओर से अध्यक्ष थे तब यह खरीदी की गई थी। जिसकी शिकायत पूर्व महामंत्री रामाधार ने की थी। पर पूर्व अध्यक्ष के भाजपा में शामिल होने के बाद अब कांग्रेस खुलकर विरोध में आ चुकी है।