खैरागढ़ 00 नगरपालिका में 2020 से लेकर 2024 तक अध्यक्ष निधि / पार्षद निधि में हुए भ्रष्टाचार की फेहरिस्त लंबी है। नगरपालिका इन चार वर्ष में संगठित लूट का शिकार हुई है। पक्ष विपक्ष के जनप्रतिनिधि से लेकर कर्मचारी तक इस लूट का हिस्सा बनें है। और तत्कालीन पालिका सीएमओ इसके सूत्रधार बने हैं। प्रत्येक वित्तीय वर्ष में पालिका के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की मिलीभगत से इन दोनों निधियों में लाखों का खेला किया गया है। तत्कालीन पालिका अध्यक्ष शैलेन्द्र वर्मा को जारी नोटिस के बाद एक के बाद एक मामले सामने आ रहे हैं। जैन मंदिर के सामने मुख्य मार्ग पर हमर खैरागढ़ स्लोगन बोर्ड लगाने में अध्यक्ष निधि के लगभग 2 लाख रूपये खर्च किए गए हैं। आश्चर्यजनक रूप से बोर्ड की कीमत 96760 रुपए तो इसके फिटिंग में 97500 रुपए खर्च किए गए हैं। बकायदा 3 जून को एक ही फर्म को जून 2022 में इसका भुगतान किया गया है। अब इसका जवाब तो पालिका के अधिकारी दे सकते हैं। किसी भी सामान की फिटिंग और सामान का मूल्य एक ही कैसे हो सकता है। जिस फर्म को अध्यक्ष निधि की राशि भुगतान किया गया है। वह रायपुर की है।
4 लाख से ख़रीदे गए सफाई के सामान
मई 2022 में ही अध्यक्ष निधि की राशि सफाई व्यवस्था के लिए सामग्री खरीदी में खर्च की गई है। 20 मई 22 को सामग्री खरीदी में 3 लाख 98 हज़ार 627 रूपये का भुगतान दिखाया गया है। अब सवाल यह उठता है कि आखिर 4 लाख रूपये में सफाई का कौन सा सामान ख़रीदा है।
जांजगीर की फर्म से ख़रीदे 9 - 9 लाख के सब मर्सिबल पंप
2022 की पार्षद निधि को भी भ्रष्टाचार की बलि चढ़ा दी गई है। जांजगीर चांपा की फर्म को 30 जून 2022 को 8 लाख 96 हज़ार 988 का भुगतान सब मार्सिबल पंप के नाम पर किया गया है। यह राशि भी पार्षद निधि की है।
अध्यक्ष निधि के पैसे से मोटर मरम्मत का किया काम
इसी तरह से 16 जून 22 को अध्यक्ष निधि की राशि कुल 48 हज़ार मोटर मरम्मत में खर्च किए गए। अब सवाल यह उठता है कि ज़ब 9 लाख की लागत से 20 वार्डो में सब मर्सीबल पंप ख़रीदा गया है तो फिर 48 हज़ार की लागत से किन पंप का सुधार कार्य किया गया है।
97 हज़ार के बोर्ड के लिए 97 हज़ार फिटिंग चार्ज दिया जाना संभव नहीं -
मामले में पालिका के सीएमओ प्रमोद शुक्ला ने कहा कि मैं नस्ती देखकर बता पाउँगा। लेकिन यह संभव नहीं है कि 96 हज़ार के बोर्ड के लिए 97 हज़ार फिटिंग चार्ज दिया गया हो।
विकास की राशि का कर दिया गबन
विधायक प्रतिनिधि खैरागढ़ व पूर्व नेता प्रतिपक्ष मनराखन देवांगन ने कहा कि शैलेन्द्र वर्मा शुरू से भ्रष्टाचार में संलिप्त रहा है। इसी से बचने के लिए भाजपा में प्रवेश किया है। कांग्रेस सरकार में नगर के विकास के लिए राशि जारी होती थी,लेकिन शैलेंद्र वर्मा, बीजेपी के पार्षदों से मिलकर इस राशि को गबन कर लिया है। ख़ासकर अध्यक्ष निधि और पार्षद निधि में भ्रष्टाचार भी इसी मिलीभगत का परिणाम है। पूरे बीते 3 वर्षो की दोनों निधियों के खर्च की जांचकर कार्यवाही की मांग उच्च अधिकारियों से करेंगें।