सिम्स में बढ़ती चोरी की घटनाओं देखते हुए प्रबंधन ने ड्यूटी टाइम में सुरक्षाकर्मियों के स्मार्ट फोन रखने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
सिम्स में 250 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को तैनात है। जिनमे ज्यादातर सुरक्षाकर्मियों को फेसबुक, वाट्स एप, टिक-टॉक जैसे सोशल साइड की भारी लत है। ये सुरक्षाकर्मी ड्यूटी समय में भी सुरक्षा व्यवस्था के बजाय अपने मोबाइल पर व्यस्त रहते हैं। इस कारण उनका ध्यान आसपास चल रही गतिविधि पर नहीं रहती है।
इसका लाभ उठाकर आपराधिक तत्व आसानी से अस्पताल के अंदर कहीं भी पहुंच जाते हैं और चोरी की घटना को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं। इसके अलावा जरूरतमंद मरीजों को भी सुरक्षाकर्मियों की मदद नहीं मिल पाती है।
इस समस्या से निपटने के लिए प्रबंधन ने ड्यूटी के समय सुरक्षाकर्मियों को स्मार्ट फोन नहीं रखने के निर्देश दिए हैं। उन्हें बेसिक फोन का इस्तेमाल करने की छूट दी गई है। प्रबंधन को उम्मीद है कि उसे चोरी जैसी घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी।
नर्सिंग स्टाफ को भी मिली चेतावनी
प्रबंधन की नजर सुरक्षाकर्मियों के अलावा नर्सिंग स्टाफ पर भी है। इसकी वजह है कि ज्यादातर कम उम्र की नर्सें भी ड्यूटी के समय मोबाइल सोशल साइट्स पर व्यस्त रहती हैं। इसकी वजह से मरीजों का इलाज प्रभावित होता है। ऐसे में नर्सिंग स्टाफ को भी हिदायत दी गई है कि वे ड्यूटी के समय मोबाइल का उपयोग न करें। अन्यथा प्रबंधन को कड़े कदम उठाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
परिचय पत्र दिखाकर होना पड़ेगा प्रवेश
स्मार्ट फोन पर प्रतिबंध लगाने के साथ सुरक्षा को लेकर नई व्यवस्था की गई है। अब सुरक्षाकर्मी परिचय पत्र देखने के बाद ही मरीजों के परिजन को अस्पताल भवन में प्रवेश देंगे। शाम छह बजे के बाद आने वाले सभी लोगों पर नजर रखने के भी निर्देश दिए गए हैं।
ड्यूटी के दौरान सुरक्षाकर्मियों के स्मार्ट फोन रखने पर प्रतिबंध लगाया गया है। सुरक्षाकर्मियों के सोशल साइट पर व्यस्त होने से सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही थी। - डॉ. आरती पांडेय, पीआरओ, सिम्स