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High Court: जस्टिस मेनन व जस्टिस साहू की डिवीजन बेंच ने सिविल जज भर्ती परीक्षा एवं परिणाम को ठहराया सही

सिविल जज भर्ती परीक्षा एवं परिणाम को चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन व जस्टिस पीपी साहू की डिवीजन बेंच ने सही ठहराया है। इसके साथ ही डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले को पलट दिया है। डिवीजन बेंच ने राज्य लोक सेवा आयोग को भर्ती के संबंध में आगे की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

मई 2019 में राज्य लोक सेवा आयोग ने सिविल जज के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन किया था। जुलाई में लिखित परीक्षा के बाद परिणाम की घोषणा कर दी थी। इसके पहले पीएससी ने मॉडल आंसर भी जारी किया था। लिखित परीक्षा परिणाम के बाद जब मॉडल आंसर का मिलान किया गया तो भारी गड़बड़ी सामने आई।

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की गई इस परीक्षा में कई प्रश्नों पर अभ्यर्थियों ने आपत्ती जताई थी। इसके बाद यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा था। मामले की सुनवाई सिंगल बेंच में हुई। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की आपत्ती को सही पाते हुए परीक्षा को रद कर करने का फैसला सुनाया था।

मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी ने पीएसीसी को दोबारा लिखित परीक्षा का आयोजन करने के निर्देश दिए थे। साथ ही यह भी कहा था कि जो अभ्यर्थी पहले लिखित परीक्षा में शामिल हो चुके हैं उनसे दोबारा शुल्क न लिया जाए। सिंगल बेंच के फैसले को लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ऋतुराज बर्मन एवं अन्य ने अपने वकील के जरिए डिवीजन बेंच में चुनौती दी थी।

अभ्यर्थियों के अनुसार परीक्षा में अव्यवहारिक और विषय से बाहर के सवाल पूछे गए थे। कुछ सवालों में उत्तर के विकल्प गलत दिए गए थे। जारी मॉडल आंसर और लिखित परीक्षा के परिणाम में कुछ सवालों के जवाब में भारी अंतर मिला ।

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