Raipur के फल-सब्जी मंडी प्रांगण तुलसी बाराडेरा में रविवार को तीन दिवसीय राष्ट्रीय कृषि मेले का शुभारंभ को किया गया। राष्ट्रीय कृषि मेला- 2020, 25 फरवरी तक चलेगा। मेले में 'बादशाह' और 'करण' नाम के दो भैंसे मुख्य आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। इन्हें देखने लिए दूर दूर से किसान पहुंचे रहे हैं। ये दोनों भैंसे पशुधन विकास विभाग द्वारा कृत्रिम गर्भाधान के सफल प्रयासों से उत्पन्न हुए हैं।
विभागीय अधिकारियों ने बताया की बादशाह अभी तक 80 भैंसों को गाभिन कर चुका है। इसकी 50 संतानें मादा हैं। बादशाह से पैदा हुई भैंसें दस से पंद्रह लीटर दूध दे रही हैं। इसी के साथ करण ने 65 भैंसों को गाभिन किया। इनसे 40 बच्चे हुए। इसकी भी मादा संतानें काफी दूध दे रही हैं।
20 लीटर दूध देती थी बादशाह की मां
बादशाह की मां जो मुर्रा नस्ल की भैंस थी, वो प्रतिदिन लगभग 20 लीटर दूध दिया करती थी। 30 नवंबर 2014 को कृत्रिम गर्भाधान के फलस्वरूप पैदा हुए बादशाह के माध्यम से उन्नात नस्ल के अनेक पाड़ा और पड़िया का जन्म हुआ है।बादशाह और करण पशुपालन विभाग के मार्गदर्शन में एक प्राइवेट डेयरी फॉर्म ग्राम सारागांव विकासखंड धरसींवा में कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से विकसित किए गए हैं।
जैविक खाद से तैयार तकनीक की लगाई गयी है प्रदर्शनी
किसानों को रासायनिक खाद से जागरूक करने के लिए मेले में पहली बार जैविक खाद से तैयार तकनीक की प्रदर्शनी लगाई गई है। जिससे समूह की महिलाएं मेले में पहुंच रहे लोगों को बता रहे कि किस प्रकार से खेत की उपजाउ को बनाने के लिए बीजामुक्त, जीवामुक्त, बेस्ट कंपोस्ट, नीम से खाद तैयार किया जाए।