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होली के ठीक पहले खनिज विभाग द्वारा लगातार चार दिन तक जिले के तीनों ब्लॉक दुर्ग, पाटन व धमधा क्षेत्र में दबिश देकर अवैध रूप से मुरम खनन, गिट्टी, ईंट व मुरम परिवहन करते चार दिन में 25 हाइवा व 2 जेसीबी सहित कुल 27 वाहनों पर कार्रवाई की है। टीम ने पाटन ब्लॉक के ग्राम सिकोला में भी बठेना मार्ग स्थित नर्सरी के पास में मुरम का अवैध रूप से खनन करते 1 जेसीबी व 3 हाइवा पर कार्रवाई की है।
रात रात भर छापेमार कार्यवाही कर खनिज विभाग की टीम ने जेसीबी के साथ साथ गिट्टी,मुरुम और रेत से भरे वाहनों को जिले के विभिन्न थानों को सौंपा है। सिकोला में पकड़ाए वाहन को पाटन थाना में सौंपा है।
खनिज विभाग दुर्ग के खनिज निरीक्षक दीपक तिवारी ने बताया कि कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि सिकोला में अवैध रूप से मुरम का खनन करते एक जेसीबी मशीन व 2 हाइवा को पकड़ाए हैं। उस पर भी कार्रवाई की जा रही है। गौरतलब हो कि पाटन ब्लॉक में इन दिनों मुरम का अवैध रूप से खनन करने का काम लगातार जारी है। खम्हरिया और पाहंदा अ में भी तालाब से अवैध रूप से मुरम निकालने की जानकारी ग्रामीणों ने दी है।
फसल कटने के बाद खनन माफिया होते है सक्रीय
पाटन क्षेत्र में फसल काटने के बाद अवैध मुरम खनन में लगे सभी माफिया सक्रिय हो जाते हैं। गाँवों में तालाबॉ में भी पानी कम होने के कारण ये पंचायतों से सांठ गाँठ कर मुरम निकालते हैं। इस पर पंचायत सदस्यों का कहना है की पंचायत द्वारा निश्चित गहराई तक के खनन की बात हुई रहती है लेकिन सेटिंग के कारण ये बेतरतीब खोदाई कर तालाबों की सूरत ही बिगाड़ देते हैं।
खेत बनाने के नाम पर खनन
ये माफिया अधिकतर जगहों में खेत बनाने के नाम पर भारी मात्रा में मुरम खनन कर लेते है। बताया जा रहा है कि खेत बनाने पंचायत को सूचना देनी पड़ती है। इसके बाद खोदाई की जा सकती है, लेकिन इस तरह से केवल छह इंच से एक फीट तक ही मुरम निकाला जा सकता है। वहीं मुरम माफिया मनमानी करते हुए पांच से छह फीट तक खोदाई कर देते हैं। उतई क्षेत्र में ऐसा ही मामला दो दिन पूर्व सामने आया था।