ख़ैरागढ़. श्री राम मंदिर बर्फ़ानी धाम में महीने भर से जारी विवाद सुलझने के बजाय उलझता जा रहा है,हालांकि विधायक देवव्रत सिंह की शिकायत पर एसडीएम ने सुनवाई के लिए 1 अक्टूबर का दिन नियत किया है। पर इससे पहले रविवार को मंदिर परिसर में नया विवाद छिड़ गया। दरअसल, रविवार को ट्रस्ट की बैठक आयोजित थी। बैठक के दौरान ही पूर्व जनपद सदस्य आकाशदीप सिंह गोल्डी,भाजपा नेता राजू यदु,जिला कांग्रेस प्रवक्ता अनुराग तुरे व टिकरापारा के कुछ अन्य निवासी मंदिर परिसर पहुंचें। और बर्फ़ानी बाबा के उस कक्ष पर ट्रस्ट के ताला जड़ने पर आपत्ति की,जिसमें एक दिन पहले तक लक्ष्मण दास अपने कुछ साथियों के साथ रह रहे थे। और जिस पर जबरदस्ती ताला तोड़कर घुसने का आरोप ट्रस्ट ने लक्ष्मण दास पर लगाया था। हालांकि लक्ष्मण दास इस दौरान मौजूद नहीं थे। पर बिहारी दास व अन्य 2 साधु इस दौरान मौजूद थे।

ट्रस्ट समिति के सदस्यों ने जबरदस्ती निकाला बाहर
बिहारी दास का कहना था कि ट्रस्ट के सदस्यों ने जबरदस्ती उन्हें कमरे से बाहर निकाल दिया। इस दौरान ट्रस्ट समिति के सदस्यों और स्थानीय लोगों के बीच जमकर विवाद हुआ। विवाद बढ़ता देख पूर्व जनपद सदस्य गोल्डी ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी। तो पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गई। इस दौरान ट्रस्ट के अध्यक्ष राकेश बहादुर सिंह,राजीव सिंह,आलोक बिंदल,भावेश अग्रवाल,नवीन सिंह,आशुतोष शरण सिंह,प्रखर सिंह सहित अन्य भी मौजूद थे।
नवीन सिंह के व्यवहार पर जताई आपत्ति
विवाद के दौरान स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि नवीन सिंह का व्यवहार आम लोगों के साथ ठीक नहीं हैं। वे बच्चों के साथ भी दुर्व्यवहार करते हैं। जिसके बाद स्वास्थ्यगत कारणों का हवाला देते हुए नवीन सिंह ने व्यवस्थापक पद से इस्तीफा दे दिया।

प्रशासनिक हस्तक्षेप से खुला ताला,निकला सामान
मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार ने बर्फ़ानी बाबा के कमरे को खोलने कहा,जिस पर ट्रस्ट समिति ने बताया कि कमरा दादा जी का जिससे हमारी भावनाएं जुडी हैं। और हम यहाँ किसी को भी रहने नहीं दे सकते, जिसके बाद बिहारी बाबा व अन्य का सामान निकालने के लिए कमरा खोला गया। और फिर ताला लगाकर चाबी ट्रस्ट के सदस्य आलोक बिंदल को दिया गया।
अमरकंटक गए लक्ष्मण दास
हफ़्ते भर पहले श्री राम मंदिर बर्फ़ानी धाम में स्वयं को बर्फ़ानी बाबा का उत्तराधिकारी घोषित करने वाले लक्ष्मण दास शनिवार को ही अमरकंटक चले गए हैं। और फिलहाल मंदिर में उनके प्रतिनिधि के रूप में बिहारी दास मौजूद हैं। लक्ष्मण दास को बीते दिनों महामण्डलेश्वर बनाया गया था।

ज़मीनों की हो जांच - गोल्डी
- पूर्व जनपद सदस्य आकाशदीप सिंह ने मांग की है कि बर्फ़ानी धाम श्री राम मंदिर से जुड़ी सभी ज़मीनों की जांच होनी चाहिए,आय - व्यय की जांच होनी चाहिए। दादाजी ने अपने जीवन काल में कोई ट्रस्ट नहीं बनाई थी। एक समिति ज़रूर बनाई गई थी। जिसे ही ट्रस्ट बताया जा रहा है। छुट्टी के दिन पंजीयन किया गया है।
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श्री राम मंदिर कैसे बना बर्फ़ानी धाम,हो जांच - राजू यदु
- भाजपा नेता राजू यदु ने मांग की है कि प्राचीन श्री राम मंदिर , बर्फ़ानी धाम में कैसे तब्दील हुआ। इसकी जांच होनी चाहिए। क्योंकि अभिलेख में यह मंदिर सुरया बाई के नाम से दर्ज था तो इसे बर्फ़ानी बाबा को कैसे दान मिला। यह जांच का विषय है। ट्रस्ट के पास आय व्यय का कोई ब्यौरा मौजूद नहीं है। ट्रस्ट में भाई भतीजावाद को जगह दी गई है। जिस पर न्याय संगत कार्यवाही होनी चाहिए।