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15 गांवों के किसान बोले- फसल हो गई खराब, घोंघेडबरी के खेतों में डाला सफाया
नियाव@ खैरागढ़
बारिश कम होने से खेतों में खड़ी धान की 80 फीसदी फसल सूख चुकी है। खेतों में दरारें आ चुकी हैं। ब्लॉक के कई गांवों की हालत खराब है। किसान चिंतित हैं। उन्हें अकाल का डर सता रहा। घोंघेडबरी के खेतों में लाल-पीला ब्लास्ट दिखाई दे रहा है। इसलिए कुछ किसानों ने सफाया डालकर पूरी फसल ही नष्ट कर दी। बुधवार को 15 पंचायतों के 50 से अधिक किसानों ने ब्लॉक मुख्यालय पहुंचकर अपनी पीड़ा बताई और निरीक्षण कर फसल बीमा या मुआवजा राशि देने की मांग की है।
घोंघेडबरी के ग्रामीण पहले ही पानी की समस्या को लेकर जूझ रहे हैं। अब बारिश नहीं होने से फसल भी खराब हो गई। किसान ज्ञान कुमार वर्मा ने चार एकड़ में महामाया और एचएमटी के बीच बोए। महामाया की फसल पूरी तरह खराब हो चुकी है। वहीं हेमू वर्मा ने सात एकड़ में धान बोया था। चार एकड़ की खेती पूरी तरह बरबाद हो गई। संतराम वर्मा का कहना है कि उन्होंने डेढ़ एकड़ की फसल में सफाया (फसल नष्ट करने की दवा) डाल दिया है। सारंगपुर, चिचोला सहित आसपास के गांवों के खेतों में भी पानी नहीं है। फसल सूख रही है और खेत फट रहे हैं। किसानों का कहना है कि प्रधानपाठ बैराज से नहर-नाली का सर्वे कराया जाए ताकि आने वाले सालों में उन्हें इसका फायदा मिल सके।
पांडादाह क्षेत्र में भी बिगड़े हालात
इधर सांकरा के गंगाराम सेन ने बताया कि दो एकड़ में बोनी की थी। अब डेढ़ एकड़ में पानी ही नहीं है। संतोष वर्मा, देवानाथ और कंवल का कहना है कि 20 से पानी का इंतजार कर रहे थे। अब तो खेत ही सूख गए। धौराभाठा, चिचका, कुरूभाठ, तेलीटोला, पांडादाह, सिंगारघाट, आमदनी, भरतपुर की खेती का भी हाल बुरा है।
खेतों में लगे बोर से भी नहीं निकल रहा पानों
बढ़ईटोला और उसके आश्रित ग्राम में 16 बोर हैं, लेकिन एक से भी पानी नहीं निकल रहा। बल्देवपुर में भी यही स्थिति है। भैंसातरा में 70 बोर हैं, लेकिन केवल 15 ही सक्सेज हैं। रीवागहन, जुरलाकला आदि में भी वाटर लेवल काफी नीचे जा चुका है। इसकी वजह से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं।
इन गांवों के किसानों ने एसडीएम को बताई पीड़ा
बल्देवपुर, बढ़ाई टोला, कल्हार नवागांव, जुरलाकला, साल्हेभर्री, टेकापार खुर्द, पेंड्री कला, कलकसा, भरदाकला, धानीखुंटा, माला डबरी, खपरी चमार, भैंसातरा, बहेराभांठा आदि के किसानों का कहना है कि उन्हें कम वर्षा के चलते अकाल का सामना करना पड़ रहा है। खेत बेचने पड़ रहे हैं।
प्रधानपाठ से अभी भी रिस रहा पानी
क्षेत्र के किसानों जिस प्रधानपाठ बैराज से नहर-नाली निर्माण के बाद सिंचाई की उम्मीद है, वह भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ चुका है। आने वाले साल में भी 59 करोड़ के इस प्रोजेक्ट का लाभ उन्हें नहीं मिल सकता। क्योंकि विंग वाल, बेसिन और चारों गेटों से लगातार पानी रिस रहा है और फ्लोरिंग पूरी तरह उखड़ चुकी है।
जानिए क्या कह रहे हैं इन गांवों के प्रतिनिधि
बहुत बुरी स्थिति है
बढ़ाई टोला के 500 व धानीखुंंटा में 600 एकड़ खेत में धान की बोआई हुई थी। पानी की कमी से 80 फीसदी फसल खराब हो चुकी है। बहुत बुरी स्थिति है।
शशि बंजारे, सरपंच प्रतिनिधि, बढ़ाईटोला
पानी की कमी से खतरा
हमारे गांव में तो 900 एकड़ में धान की फसल खड़ी हो चुकी थी। पानी की कमी से 70 फीसदी खराब हो गई। बाकि पर भी खतरा मंडरा रहा है।
श्याम सुंदर साहू, उपसरपंच, बल्देवपुर
वाटर लेवल भी नीचे
बारिश हो नहीं रही और वाटर लेवल भी नीचे चला गया है। खेतों में दरारें आ गई हैं। तकरीबन 70 फीसदी नुकसान हुआ है।
मनोहर चंदेल, सरपंच, जुरलाकला