मशहूर शायर राहत इंदौरी का 70 की उम्र में निधन हो गया है। उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद वे इंदौर के अरबिंदो अस्तपाल में भर्ती थे।
राहत इंदौरी के बेटे और युवा शायर सतलज राहत ने बताया कि पिता चार महीने से सिर्फ नियमित जांच के लिए ही घर से बाहर निकलते थे। उन्हें चार-पांच दिन से बेचैनी हो रही थी। डॉक्टरों की सलाह पर फेफड़ों का एक्सरे कराया गया तो निमोनिया की पुष्टि हुई। इसके बाद सैंपल जांच के लिए भेजे गए, जिसमें वे संक्रमित पाए गए। राहत को दिल की बीमारी और डायबिटीज है। उनके डॉक्टर रवि डोसी का कहना है कि उन्हें दोनों फेफड़ों में निमोनिया है। सांस लेने में तकलीफ के चलते आईसीयू में रखा गया है।
राहत कुरैशी, जिसे बाद में राहत इंदौरी के नाम से जाना जाता है, का जन्म 1 जनवरी 1950 को इंदौर में रफतुल्लाह कुरैशी, कपड़ा मिल मजदूर और उनकी पत्नी मकबूल उन निसा बेगम के यहाँ हुआ था। वह उनका चौथा बच्चा था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा नूतन स्कूल इंदौर से की जहाँ से उन्होंने अपनी हायर सेकंडरी पूरी की। उन्होंने 1973 में इस्लामिया करीमिया कॉलेज, से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और 1975 में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल (मध्य प्रदेश) से उर्दू साहित्य में एम.ए. 1985 में मध्यप्रदेश में उनकी उर्दू उर्दू मुशायरा शीर्षक से थी। उनके 4 बच्चे है समीर, शिब्ली ,फैसल और सतलज।
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