आरोप-प्रत्यारोप / सदस्यों ने अध्यक्ष-सचिव पर लगाया धांधली का आरोप, अध्यक्ष ने पंजीयन को ही बताया गलत।
नियाव@ खैरागढ़
ब्लॉक के 15 से अधिक गांवों के दुग्ध उत्पादकों की समिति में चुनाव से पहले सदस्यता को लेकर फर्जीवाड़ा सामने आया है। आरोप है कि पद पर बने रहने के लिए जिम्मेदारों ने प्रस्ताव पर फर्जी हस्ताक्षर कर 25 ऐसे सदस्य जोड़े जो दूध का व्यवसाय करते ही नहीं। आपत्ति दर्ज कराने वाले खुद उस समिति के सदस्य हैं। प्रस्ताव में जिसके फर्जी हस्ताक्षर हैं, उसने 20 दिन पहले थाने में भी आवेदन दिया है। हालांकि इसको लेकर जांच नहीं की गई है।
समिति के सदस्य मनीराम वर्मा ने बताया कि 19 फरवरी 2018 को दुग्ध सहकारी समिति पिपरिया का पंजीयन हुआ। इसके तीन महीने बाद चुनाव होना था। इस बीच अध्यक्ष फिरतू वर्मा और सचिव संतोष वर्मा ने प्रस्ताव पारित कर सदस्यों की सूची में 25 नाम अतिरिक्त जोड़े। जबकि प्रस्ताव में मौजूद हस्ताक्षर करने वालों में से एक दिलीपपुर निवासी देवारिन पति जगत लोधी ने 4 अक्टूबर को थाने में आवेदन देकर इसे फर्जी बताया है और कार्रवाई की मांग की है। समिति के सदस्य प्रेमलाल वर्मा, मनोज साहू, गणेश यादव, दौलत कोठले और सुशीला वर्मा ने बताया कि अध्यक्ष और सचिव ने अपनी मर्जी से काम किया है।
सदस्यता सूची के प्रकाशन बाद हुआ खुलासा
मनीराम ने बताया कि 27 सितंबर को चुनाव संबंधी सदस्यता सूची के प्रकाशन बाद इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। इसके बाद रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, उपपंजीयक संस्थाएं एवं अनुविभागीय अधिकारी से भी शिकायत की गई। हालांकि अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
निराकरण किए बिना किया सूची का प्रकाशन
सदस्यों ने बताया कि सूची पर दावा-आपत्ति की अंतिम तारीख से पहले शिकायत की गई थी, लेकिन बिना निराकरण के इसके प्रकाशन कर दिया गया। इसे लेकर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई। फिलहाल विधानसभा इलेक्शन के कारण समिति का चुनाव स्थगित है।
समिति का पंजीयन ही गलत है
मैं दो साल से अध्यक्ष हूं। समिति का पंजीयन ही गलत है। जिन सदस्यों के नाम जोड़े गए हैं वे पहले से ही सहयोगी रहे हैं। प्रस्ताव में फर्जी हस्ताक्षर वाली बात भी गलत हैं। मैंने भी इस पर आपत्ति दर्ज कराई है।
फिरतू राम वर्मा, अध्यक्ष, दुग्ध उत्पादक समिति
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