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ख़ैरागढ़. सडक़ों की बेतरतीब खुदाई से नाराज जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह ने जल आवर्धन योजना के ठेकेदार को जमकर लताड़ा। विक्रांत ने साफ तौर पर कहा कि इस तरह भर्राशाही बिलकुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सिंह ने 15 सालों तक शहर की एक एक गली को बनाया गया, उसे एक ही झटके में बर्बाद करने नहीं दिया जाएगा। ठेकेदार के सुपरवाइजरों को चेतावनी भरे लहजे में सिंह ने कहा कि जिसके पास जाना है जाओ। इस तरह का काम नहीं होने दिया जाएगा।
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गुरुवार दोपहर वार्ड-4 में चल रही खुदाई का कार्य के बीच में पहुंचे सिंह ने पहले तो कम रुकवाया फिर कहा कि अब तक जितना शहर खोद चुके हो, उसमें पहले पाइप लाइन डालो, टेस्टिंग करो, कांक्रीटीकरण करो। फिर आगे बढऩा। जब तक पिछले कामों का कांक्रीटीकरण नहीं किया जाएगा, तब तक बिलकुल भी आगे मत बढऩा। विक्रांत की सख्ती देख जल आवर्धन योजना के सुपरवाइजर चुपचाप सर हिलाते नजर आए। विक्रांत ने कहा कि पाइपलाइन विस्तार सहित आया विकास कार्य पहले भी हुए हैं। लेकिन इस तरह का विध्वंश कभी भी नहीं हुआ है। जितना तुम लोगों कर रहे हो।
डब्ल्यूटीपी बनी नहीं, खोद डाला आधा शहर :
जल आवर्धन योजना के उक्त कार्य के तहत वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का काम भी होना था। जो सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। इसी प्लांट से पानी की सप्लाई होना है। इस दिशा में एक कदम भी काम आगे नहीं बढ़ा है। लेकिन इस पर ध्यान न देते हुए ठेकेदार का ध्यान सिर्फ शहर की खुदाई की तरफ है।
शहर खुदाई के पीछे है कमीशन और भुगतान का खेल :
शहर की इस दुर्गति के पीछे नगरपालिका के कतिपय जनप्रतिनिधि और अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े हुए हैं। बताया जाता है कि इसके पीछे पूरा खेल बोगस भुगतान और कमीशन का है। इससे पहले भी बिना डब्ल्यूटीपी कार्य के सडक़ की खोदाई हुई कुछ पार्षदों ने विरोध भी किया। विरोध और काम रोके जाने के बावजूद अधूरे कार्य के एवज में ठेकेदार को एक करोड़ 17 लाख का भुगतान कर दिया गया। जबकि डब्ल्यूटीपी वर्क में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा गया। इसी राशि में ठेकेदार, अधिकारियों और पालिका के जनप्रतिनिधियों ने हाथ काले किए।
पालिका पर खड़े हो रहे सवाल :
- पार्ट-पार्ट में क्यों नहीं हो रहा काम ?
- जब कांक्रीटीकरण ठेकेदार की जवाबदारी है, तो फिर पालिका क्यों दे रही गलत काम को प्रश्रय ?
- बिना डब्ल्यूटीपी के क्यों खुदवाया जा रहा पूरा शहर ?
सामने आई अलग कहानी ...
विक्रांत ने कहा- कमीशनखोरी के चक्कर में बदल दिया डीपीआर
जिला पंचायत उपाध्यक्ष से चर्चा में जल आवर्धन योजना की एक अलग ही कहानी सामने आई। विक्रांत ने बताया कि जल आवर्धन योजना की स्वीकृति उनके कार्यकाल में मिली थी, जिसके तहत छिंदारी से छुईखदान होते हुए खैरागढ़ तक अंडर ग्राउंड पाइप लाइन बिछाई जानी थी। लेकिन पुराने डीपीआर को बदल कर शहर के भीतर ही पाइपलाइन बिछाने का बेतुका काम शुरू कर दिया गया, जबकि शहर में पहले ही चार बार पाइपलाइन विस्तार का काम अलग माध्यमों से हो चुका है। विक्रांत ने कहा कि सिर्फ कमीशनखोरी के चक्कर में आम आदमी के पैसे का दुरूपयोग किया जा रहा है।
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कांक्रीटीकरण किया जाना अनुबंध में है - ठाकुर
जल आवर्धन योजना के प्रभारी सब इंजीनियर किशोर ठाकुर का कहना है कि जिन जगहों पर सडक़ खोदी जा रही है उसे ठेकेदार ही सुधरेगा, इसका उल्लेख अनुबंध में है। जहां चार इंची पाइप नहीं है, वहीं पाइप डाली जा रही है। ताकि प्रॉपर प्रेशर बना रहे। यह सही है कि काम पार्ट पार्ट में होना है। मतलब, जहां पाइपलाइन डाली जा चुकी है वहाँ कांक्रीटीकरण होना चाहिए इसे मैं दिखवाता हूँ।
वीडियो देखें, कैसे फटकार लगा रहे विक्रांत...
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