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केंद्र के आर्थिक सहयोग के बाद भी वेतनवृद्धि रोक प्रदेश सरकार कर्मचारियों के साथ अन्याय कर रही : भाजपा Featured

By May 27, 2020 494 0
  • प्रदेश सरकार अपने कथन से मुकरने के राजनीतिक चरित्र से बाज आ ही नहीं रही : उपासने

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने नई नियुक्तियों, तबादलों और वेतन वृद्धि पर रोक लगाए जाने के फैसले को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। उपासने ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक सहयोग करने के बाद भी प्रदेश सरकार यह निर्णय लेकर कर्मचारियों के साथ अन्याय कर रही है। केंद्र सरकार ने जब केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते में कटौती करने का निर्णय लिया था तो कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र के इस फैसले को 'असंवेदनशील और अमानवीय' बताया था और अब प्रदेश में उनकी अपनी सरकार के फैसले पर वे चुप्पी साधे बैठे हैं!

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता उपासने ने कहा कि प्रदेश के मंत्री रवीन्द्र चौबे ने भी केंद्र के फैसले के परिप्रेक्ष्य में यह घोषणा की थी कि प्रदेश में राज्य कर्मचारियों के वेतन में कटौती नहीं होगी और उन्हें पहले की तरह ही वेतन दिया जाएगा। लेकिन प्रदेश सरकार अपने ही कथन से मुकरने के राजनीतिक चरित्र से बाज आ ही नहीं रही है। उपासने ने कहा कि प्रदेश के कर्मचारियों को यूँ भी महंगाई भत्ता कम ही मिल रहा है और सातवें वेतनमान के अनुसार उनके अन्य भत्ते भी संशोधित नहीं हुए हैं। अब वार्षिक वेतनवृद्धि रोकने के फैसले से कर्मचारियों को होने वाली आर्थिक दिक्कतों की प्रदेश सरकार अनदेखी कर रही है। कोरोना संकट की आड़ लेकर प्रदेश सरकार आज कर्मचारियों की वेतनवृद्धि रोक रही है, आगे चलकर वह पदोन्नति का प्रावधान भी ख़त्म कर सकती है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता उपासने ने कहा कि प्रदेश सरकार अपने अर्थतंत्र को मजबूत करने के लिए वेतनवृद्धि रोकने के बजाय दीगर उपायों पर विचार करे। सरकारी वाहनों के अधिक इस्तेमाल को नियंत्रित किया जाए ताकि पेट्रोल-डीज़ल के नाम पर होने वाले खर्च में कटौती की जा सके। उपासने ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार अपने खजाने को लेकर इतनी ही फ़िक्रमंद है फिर सेवानिवृत्ति के बाद भी अधिकारियों-कर्मचारियों को संविदा पर क्यों रखकर प्रदेश के खजाने पर बोझ डालने का काम प्रदेश सरकार कर रही है? इसी तरह संविदा नियुक्तियों पर काम कर रहे लोगों को सरकारी वाहनों के इस्तेमाल से रोका जाना चाहिए। उपासने के मतानुसार, प्रदेश सरकार ने जब बज़ट प्रावधान रखा है तो फिर कर्मचारियों की वेतनवृद्धि रोकने का प्रदेश सरकार का फैसला समझ से परे है।

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