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दिमाग की हड्डी काटकर फ्रीज़र में रखा फिर सर्जरी कर बचाई युवक की जान

रायपुर : सड़क हादसे में २२ वर्षीय युवक हेड इंजरी से गंभीर रुप से घायल हो गया। घायल युवक को जब हॉस्पिटल पहुंचाया गया, तो डॉक्टरों ने बताया कि उनकी स्थिति कोमा स्केल के ४ स्टेज पर है। इस स्थिति में मरीज को बचाना मुश्किल होता है। मरीज की हालत गंभीर होने के बाद भी नारायणा अस्पताल के डॉक्टरों ने हार नही माना और मरीज का इलाज शुरू किया गया।

मिली जानकारी के अनुसार रायपुर निवासी रंजन अपने दोस्त के घर से बाइक से अपने घर जा रहा था। इस दौरान अचानक उसकी बाइक फिसल गई और वह गिर गया। जिससे उसक सिर डिवाइडर से टकरागया और वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इस दौरान मौके पर मौजूद लोगों ने उसे पास में स्थिति गुरुग्राम नारायणा हॉस्पिटल पहुंचाया। रंजन को तत्काल नारायणा डॉक्टरों ने सिर पर जमे ब्लड क्लॉज को निकालने के लिए उसके सिर के एक हिस्से की हड्डी को कांट कर बाहर निकाला। इसके बाद उस हड्डी को कुछ सप्ताह तक फ्रिजर में रखा गया। दरअसल शरीर के जिस हिस्से में चोट लगता है, वहां पर सूजन जरूर होता है। ऐसे में उस जगह को सूजने के लिए जगह देनी होती है, नहीं तो सूजन का प्रेशर अंदर ही अंदर दिमाग को डैमेज कर देता है। यह सब कुछ मिनटों में होता है। सूजन ठीक होने के सिर से काटे गए हिस्से को जोड़ा गया। इस तरह डॉक्टरों के प्रयास के बाद युवक पूरी तहर से ठीक हो गया है।

नारायणा अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट एंड हेड ऑफ डिपार्टमेंट न्यूरोसर्जन डॉक्टर अनुराग सक्सेना ने बताया कि रंजय को जब अस्पताल लाया गया, तब वह ग्लासगो कोमा स्केल पर उनकी स्थिति चार के करीब थी। इस स्थिति में मरीज तकरीबन मौत के करीब होता है। साथ ही यह सीवियर हेड इंजरी थी और दिमाग में एक हिस्से में क्लॉट आ चुका था। क्लॉट निकालने के लिए क्रेनेक्टमी प्रक्रिया अपनाया गया। इस प्रक्रिया के तहत सर के एक हिस्से की हड्डी को काटकर निकाला गया और दिमाग में मौजूद क्लॉट को हटाया गया। साथ ही दिमाग के ऊपर के क्लॉट जो दिमाग में प्रेशर डाल रहे थे, उनको हटाया गया। सिर से निकाले गए हड्डी को डीप फ्रीजर में प्रिजर्व करके रख गया। दरअसल दिमाग भी चोट लगने के बाद शरीर के बाकी हिस्सों की तरह सूजता है और उसको सूजने के लिए जगह देनी होती है, नहीं तो सूजन का प्रेशर अंदर ही अंदर दिमाग को डैमेज कर देता है। इस प्रक्रिया को रोकने के लिए दिमाग की सर्जरी करनी पड़ी। इस दौरान मरीज रंजय को वेंटीलेटर पर रखा गया। इलाज के दौरान कुछ ऐसी स्थितियां भी आईं जब रंजय ने बिस्तर से उठकर भागना और चिल्लाना जैसे हरकत करने लगा। इसके बाद क्रेनोप्लास्टीके तहत सिर से निकाले गए हड्डी को वापस जोड़ा गया। अब मरीज पूरी तहर से ठीक हो गया है। इलाज के बाद उसे किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आ रही है।

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