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संयुक्त कलेक्टर से हुई बैताल रानी घाटी में पौधारोपण की शिकायत,की गई जांच की मांग  Featured

95 फीसदी पौधे मरे,दरख्तों के नीचे लगाए पौधे
 
छुईखदान. देवरचा से बैताल रानी घाटी  तक पौधरोपण में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत संयुक्त कलेक्टर अरूण वर्मा से की गई है। अधिवक्ता अरविंद शर्मा, पूर्व युवा मोर्चा अध्यक्ष नवनीत जैन,युमो अध्यक्ष ललित जैन,रेखचन्द वर्मा,शुभम अग्रवाल व अन्य ने एसडीएम वर्मा से मिलकर उन्हें मामले से अवगत कराया है। रागनीति में प्रकाशित खबरों का हवाला देते हुए इन सभी ने एसडीएम को बताया कि महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत उक्त क्षेत्र में कुल 85 लाख की लागत से पौधारोपण किया गया था। पर बीते साल हुए पौधारोपण में से अब मात्र 5 प्रतिशत पौधे ही बाकी बचे हैं। जबकि 95 फीसदी पौधे मर चुके हैं। इस तरह से न केवल जनता के पैसे का दुरुपयोग वन विभाग ने किया है,बल्कि प्रकृति को भी नुकसान पहुंचाया है। सभी ने शिकायत पत्र की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित आला अधिकारियों को भी भेजी है। 
 
 
मनरेगा के काम मे ठेकेदारी का जाल 
शिकायत कर्ताओं ने एसडीएम को बताया कि विभाग ने एक ट्री गॉर्ड के एवज में 500 रुपए का भुगतान किया है,जबकि आज भी उक्त ट्री गॉर्ड को बनाने वाले बंसोड़ भटक रहे हैं। बंसोड़ समुदाय को भी एक ट्री गॉर्ड का मात्र 120 से 150 रुपए तक भुगतान की जानकारी मिली है। मतलब सारा पैसा अधिकारियों के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। 
 
दरख्तों के नीचे लगा दिए पौधे
वन विभाग के रोस्टर में साफ तौर पर अंकित है,उसके बावजूद बड़े दरख्तों के नीचे पौधारोपण किया गया है। जो किसी सूरत में बड़े नहीं हो सकते हैं। ज्यादातर पौधों के मरने के पीछे गलत स्थल चयन भी एक कारण हैं। अधिकारियों ने भ्रष्टाचार की नीयत से आनन फानन में गलत स्थल पर पौधा रोपण किया है।
 
गंडई से कवर्धा मार्ग के भी पौधे मरे
शिकायत कर्ताओं ने एसडीएम को बताया कि ये हाल सिर्फ बैताल रानी घाटी की ओर का नहीं है। बल्कि गंडई से आगे कवर्धा मार्ग पर लगाए गए पौधे भी मर चुके हैं। जो जीवित हैं वे भी मरने की कगार पर हैं।
 
जानिए ये है पूरा मामला
  •  राज्य कैम्पा मद से मनरेगा से स्वीकृत है पौधारोपण का कार्य
  •  दरख्तों के नीचे नियम विरुद्ध किया पौधारोपण
  •  1 ट्री गॉर्ड का किया गया बेजा भुगतान 
  •  मज़दूरों को नहीं मिली अब तक राशि 
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