ख़ैरागढ़. प्रदेश में मुद्दाविहीन हो चुके भारतीय जनता पार्टी के नेता इन दिनों फिर महज दिखावे के लिये विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदेश की भोली-भाली जनता को बरगलाने में महारथ हासिल कर चुकी भारतीय जनता पार्टी अब 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही है. उक्त बातें नगर पालिका अध्यक्ष शैलेन्द्र वर्मा ने कही है. ओबीसी आरक्षण को लेकर भाजपा के विरोध प्रदर्शन के पैंतरे पर पलटवार करते हुये शैलेन्द्र वर्मा ने कहा है कि यह वही भारतीय जनता पार्टी और उसके नेता हैं जिन्होंने 15 साल तक छत्तीसगढ़ प्रदेश की सरकार में रहते हुये कभी 27 प्रतिशत आरक्षण की बात नहीं की तथा 15 साल तक अन्य पिछड़ा वर्ग की कभी सुध नहीं ली और छत्तीसगढ़ के भोले भाले ओबीसी समुदाय को केवल वोट बैंक की राजनीति का श्रोत समझते रहे. जब 2018 में प्रदेश की जनता-जनार्दन ने भारी बहुमत से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनाई और जब 2018 में प्रदेश की जनता-जनार्दन ने भारी बहुमत से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनाई और भाजपा को चारों खाने चित्त किया तब इनको छत्तीसगढ़ में अलग-अलग वर्गों की ताकत का अंदाजा हुआ. 2018 में सत्ता परिवर्तन के साथ ही छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के अन्य पिछड़ा वर्ग को आबादी के अनुपात में 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने की घोषणा की लेकिन श्री बघेल की इस घोषणा के बाद यही भारतीय जनता पार्टी और उनके तथाकथित बड़े नेताओं ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भूपेश सरकार के फैसले के विरुद्ध याचिका दायर कर अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रति अपनी घृणा को जाहिर किया है और अब प्रदेश के भोले-भाले पिछड़ा वर्ग को भ्रमित करने व बरगलाने के लिये तथा महज राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के उद्देश्य से विरोध प्रदर्शन का हथकंडे अपना रहे हैं और प्रोपोगेंडा किया जा रहा हैं. भाजपा के इस पैतरे को अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय के लोग भलीभाँती समझ रहे हैं. इसलिए बेहतर होगा की भारतीय जनता पार्टी के नेता दोमुँहे चरित्र का प्रदर्शन करना बंद करे अन्यथा समय आने पर इसका माकूब जवाब भी जनता भाजपा के नेताओ को देंग़ी।