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तोल-मोल के राजनीतिक बोल / जगह बदलते ही देवव्रत ने ऐसे बदली राजा की परिभाषा
साहू समाज के सम्मेलन में / गोंड़ समाज कहता है खैरागढ़ का राजा राज गोंड़ है। मैं राजा हूं। राजा की कोई जाति नहीं होती। अपने में मिला लो मैं आपका हो जाऊंगा।
साल्हेवारा की सभा में / मुझे कहा जाता है मैं राजा हूं, जबकि 1947 में देश के आजाद होते ही बाबा साहब ने संविधान में लिख दिया था कि रानी के पेट से नहीं लोकतंत्र में राजा ईवीएम से पैदा होंगे।
फिर आगे बोले- इस हिसाब से गिरवर जंघेल पांच साल से राजा रहे। कोमल जंघेल सात साल से विधायक राजा रहे। लेकिन 12 साल में साल्हेवारा क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि नहीं है।
मतलब ये है / पहली परिभाषा में उन्होंने दोनों पार्टियों के जातिवाद के मायाजाल को तोड़ने का प्रयास किया। दूसरी में गिरवर और कोमल को अपने समकक्ष लेकर आए। फिर अपनी उपलब्धि गिनाई और उनके 12 साल के कार्यकाल को विफल बताया।
महिलाओं को प्रभावित किया / आप लोग जानते हैं। आप लोग रोटी बनाते हैं। कैसे बनाते हो? आटा गूंदना। रोटी बेलना। फिर रोटी को तवा में रखना। यदि तवा में रोटी को रख देंगे और पलटेंगे नहीं तो क्या होगा बताओ? रोटी जल जही। 15 साल से सरकार अल्टी-पल्टी नई हो हे।
फोटो पर किया फोकस / वोट की अपील करते समय उन्होंने कहा कि ईवीएम के चौथे नंबर के बटन में मेरी फोटो लगी है। और मेरी फोटो के सामने हल चलाता किसान छाप बना है। इसलिए क्यों कि इस क्षेत्र के लिए जकांछ की छाप से ज्यादा लोग देवव्रत के चेहरे को जानते हैं।
नियाव@ खैरागढ़
तकरीबन पांच माह पहले साल्हेवारा की सभा में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ की सभा में सुप्रीमो अजीत जोगी ने देवव्रत सिंह को पार्टी में शामिल कर उन्हें क्षेत्र का नेता घोषित किया था। इसलिए मंगलवार को उनकी पहली आमसभा वहीं रखी गई। अपेक्षा के अनुरूप भीड़ भी जुटी। जोगी ने चिर-परिचित अंदाज में दोहे सुनाए और सरकार पर तंज भी कसे।
जोगी का दोहा / आधा ल छर दे, आधा ल दर दे। छत्तीसगढ़ कहूं जाए, मोर दोंदर ल भर दे।। (दोहे से पहले स्पष्ट किया कि ये मुख्यमंत्री के लिए है)
चुनाव चिन्ह पर / जब तक नांगर ल जोतबो नहीं तो खाबो कइसे? वही चिनहा ल लेके आए हवन।
खेतों में पहुंचे गिरवर, बोले- मैं भी हूं एक किसान
इधर देवव्रत की सभा से पहले साल्हेवारा क्षेत्र के गोलरडीह, दल्ली, सरोधी, सरई पतेरा, लालपुर, नचनिया आदि जंगल पट्टी के गांवाें में जाकर गिरवर जंघेल ने कहा- मैं भी किसान हूं। सुबह से खेत जाता हूं। हल चलाता हूं। मुझे किसानों का दर्द मालूम है। समनापुर, राजाबर, पचराटोला, आमगांव, कोसमर्रा, काेपरो, बकरकट्टा, कुम्ही और तेंदुभांठा में जब पहुंचे तो खेत में बैठ कर चर्चा की। कहा- कांग्रेस की सरकार आई तो कर्जा माफ करेगी।
शहर के वार्डों में कोमल की पत्नी ने मांगे वोट
महिला मोर्चा ने भाजपा प्रत्याशी के प्रचार की कमान संभाल ली है। सोमवार को हुई बैठक में व्यापक रणनीति तैयार की गई। इसमें प्रत्याशी कोमल जंघेल की पत्नी भाना बाई भी मौजूद रहीं। दूसरे दिन मंगलवार को वे महिलाओं के साथ मतदाताओं से जनसंपर्क साधने निकलीं। शहर के वार्डों में जाकर अपने पति के पक्ष में मतदान करने कहा। वहीं कोमल ने लोधी पट्टी का दौरा शुरू कर दिया है। मंगलवार को उन्होंने खमतराई, दिलीपपुर, खजरी, कांचरी, टेकापार, कातलवाही, भुलाटोला आदि में चुनावी सभाएं लीं और सरकार की योजनाओं के लाभ गिनाए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों के हित में काफी कुछ सोच रखा है। भविष्य भाजपा के साथ ही है। इधर संगठन के कार्यकर्ता लगातार बैठकें कर रहे हैं।
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