खैरागढ़. इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में दृश्य कला विभाग के छात्र अनमोल गोयल द्वारा संगीत मंथन शीर्षक से इंस्टालेशन परफार्मेंस आर्ट प्रतिष्ठापन प्रदर्शन कला की प्रस्तुति दी गई। जिसमे उन्होने दृश्य कला और संगीत कला के संयोजन को प्रदर्शित किया।
कबाड़ से प्राप्त अनुपयोगी वस्तुओं को संग्रहित कर एक वृक्ष तैयार करके अनमोल ने उनकी डालियों को लोक वाद्यों से सजाकर यह बताने का प्रभावी प्रयास किया कि वृक्षों की तरह संगीत भी प्राणवायु देता हैं। कलाकार अनमोल की दिली इच्छा है कि इस कलाकृति को हाथों से निर्मित कर विवि में स्थापित किया जाए। कार्यक्रम को सफल बनाने विप्लव सिंह, गणेश कुमार साहू, हर्ष चंद्राकर, रितेश, बालेंदू मिश्र, पुनेश, कानन, हिमसागर राज बघेल, नीलेश, अनुराग, मयंक, ऋषिकेश सहित बालक छात्रावास के समस्त विद्यार्थियों का विशेष सहयोग रहा।
प्रस्तुतियों ने मोहा मन
संगीत मंथन पर आधारित प्रस्तुति मे हर्ष चंद्राकर, वेदप्रकाश, करण तारम, कामेश साहू, मनोज बासोर, ललित, उजित व खेलावन सहित संगीत पक्ष में किसन गावेल, जयंत, भूषण, प्रणव व ऋषिराज ने सहयोग दिया। नृत्य प्रस्तुति मयंक व राजदीप ने दी। कुलसचिव प्रेम कुमार पटेल ने कहा कि महानगर दिल्ली के छात्र अनमोल ने यहां की कला कृति को संगीत मंथन के द्वारा मोहक अंदाज में प्रस्तुत किया है जो अन्य विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक है। विद्यार्थियो को विवि प्रशासन हर संभव सहयोग करेगा। विभागाध्यक्ष प्रो. राजन यादव ने कहा कि ललित कलाएं भूगोल का बंधन तोड़ती है। जो ज्ञान की बाते हैं, वह कला के द्वारा प्रभावी ढंग से व्यक्त की जाती है। अनमोल ने अपनी इस प्रस्तुति से यह सिद्ध कर दिया है। कार्यक्रम का संचालन समीरचंद्र साहू और प्राध्यापक कपिल सिंह वर्मा ने आभार व्यक्त किया। इस दौरान दृश्य कला संकाय के शिक्षक डॉ. रविनारायण गुप्ता, डॉ. छगेंद्र उसेंडी, डॉ. विकास चंद्रा, संदीप किंडो के अलावा अन्य विभागों के शिक्षक एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।