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अध्यक्ष निधि / पार्षद निधि के बाद अब केंद्र की योजनाओं पर लगा रहे बट्टा
खैरागढ़. जनप्रतिनिधियों के गैर जिम्मेदाराना व लालच पूर्ण रवैये ने पालिका की पूरी व्यवस्था को सामूहिक लूटतंत्र में परिवर्तित कर दिया है। जिसका पूरा फायदा पालिका के अधिकारी उठा रहे हैं। अध्यक्ष निधि और पार्षद निधि में खुले आम भर्राशाही और घालमेल करने के बाद अब केंद्र सरकार की मूलभूत योजनाओं पर भी बट्टा लगाने से गुरेज नहीं किया जा रहा है। एक तरफ स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता श्रृंगार की पूरी राशि दीपावली शगुन की भेंट चढ़ चुकी है,तो दूसरी ओर नगर के 19 सार्वजनिक शौचालयों का बुरा हाल है।
ऐसे में कैसे संवरेगी संगीत नगरी
पालिका में जिस तरह से भ्रष्टाचार का आलम है। उसमें बड़े बदलाव और सुधार की उम्मीद करना बेमानी है। क्योंकि जिस तरह से मूलभूत सुविधाओं की राशि तक में हेरफेर किया जा रहा है। उससे लगता है कि बीते कार्यकाल की भ्रष्ट शैली को आगे बढ़ाया जाएगा।
पार्षद शत्रुघ्न ने भेजी शौचालय की बदहाली की तस्वीर
भास्कर में खबर प्रकाशन के बाद नगरपालिका के वार्ड क्रमांक 15 अमलीडीह के पार्षद शत्रुघ्न धृतलहरे ने अपने वार्ड के सार्वजनिक शौचालय की तस्वीर भास्कर संवाददाता को प्रेषित करते हुए बताया कि मेरे वार्ड के शौचालय की हालत बहुत खराब है। कई बार रखरखाव व सफाई के लिए बोल चुका हूँ। अब सीएमओ को लिखित में दिया हूँ।
पुतला दहन कर करेंगें कार्यवाही की मांग - मनराखन देवांगन,विधायक प्रतिनिधि
विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन ने आरोप लगाया कि पूरी पालिका का तंत्र भ्रष्टाचार में लिप्त है। यहाँ के अधिकारी कर्मचारियों को भ्रष्टाचार की आदत पड़ चुकी है। जो लोग शौचालय की सफाई का पैसा खाने से गुरेज नहीं कर रहे हैं,उनसे उम्मीद क्या की जा सकती है। आने वाले हफ्ते भर के भीतर पालिका की भ्रष्ट कार्यशैली के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया जाएगा। और मुख्य नगरपालिका अधिकारी का पुतला दहन कर जांच और कार्यवाही की मांग करेंगें।
इसलिए उठ सवाल
00 ज़ब शौचालय बदहाल तो क्यों हुआ 10 लाख 93 हज़ार का भुगतान ?
00 बिना सब इंजिनियर के प्रमाण पत्र के क्यों हुआ लाखों का भुगतान ?
00 4 साल पुराने फर्म को बिना नए टेंडर के क्यों किया भुगतान ?
00 जहां लाखों का भुगतान वहाँ फिर क्यों रखरखाव का प्रावधान ?
प्रमाण पत्र की ज़रूरत नहीं - दीपाली तम्बोली,सब इंजिनियर
मामले में पालिका में पूर्व में पदस्थ सब इंजिनियर दीपाली तम्बोली ने बताया कि किसी प्रकार का कोई लिखित प्रमाण पत्र देने की आवश्यकता नहीं होती। वैसे निरीक्षण की जिम्मेदारी सभी की होती है। अकेले सब इंजीनियर की जिम्मेदारी नहीं होती है।