खैरागढ़. शिक्षक दिवस पर कोरोनाकाल में सेवाकाल में अपने प्राणों की आहुति देने वाले शिक्षकों की स्मृति में पौधारोपण किया गया। नदियों के संरक्षण के लिए समर्पित निर्मल त्रिवेणी महाअभियान के स्वयं सेवकों ने केंद्रीय विद्यालय मार्ग में सड़क के दोनों ओर नीम,पीपल,बरगद,करंच के पौधों का रोपण किया गया। पौधों का रोपण अभियान के आधार स्तंम्भ शिक्षक उमेंद पटेल,नरोत्तम उर्वाशा, जय देवांगन व योग प्रशिक्षक गौतम सोनी ने किया। जिसमें अभियान के स्वयंसेवको ने सहयोग प्रदान किया। उक्त मार्ग पर विगत कई दिनों से अभियान के माध्यम से आवश्यकतानुरूप पौधारोपण किया जा रहा है। क्योंकि उक्त मार्ग पर पौधे नहीं हैं। और केंद्रीय विद्यालय में अध्ययरत बच्चे मुख्य मार्ग से बस से उतरने के बाद पैदल ही केंद्रीय विद्यालय तक पहुंचते हैं। गर्मी के दिनों में ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
व्यक्ति के जीवन को दिशा देने वाला शिक्षक
सेवाभावी शिक्षकों को याद करते हुए संयोजक भागवत शरण सिंह ने कहा कि व्यक्ति को जीवन में दिशा देने वाला एक शिक्षक ही होता है। कोरोना काल में भी शिक्षक अपनी जिम्मेदारियों से नहीं हटे,बल्कि डटे रहे। शिक्षकों की ड्यूटी जांच से लेकर वैक्सीनशन सेंटर तक में लगाई, बावजूद शिक्षकों ने अपनी भूमिका का निर्वहन किया। पौधरोपण को दिशा देने वाले सूरज देवांगन ने कहा कि अभियान में शिक्षकों का योगदान अतुलनीय है। वरिष्ठ साथी शमशुल होदा खान ने कहा कि शिक्षा निरंतर समाज को अग्रणी दिशा में ले जा रहे हैं। उनकी भूमिका महत्व पूर्ण है तो फिर बात व्यक्ति के निर्माण की हो। या फिर व्यक्तित्व के निर्माण की।
ये रहे मौजूद
पौधारोपण में अभियान के स्वयंसेवक मंगल सारथी,उत्तम दशरिया,याकूब खान,शंकर निषाद,हर्ष वर्धन वर्मा, भीषम वर्मा,अजय वर्मा,तीरथ वर्मा सहित अभियान के सदस्य व संकल्प युवम क्रांति संगठन के सदस्य मौजूद रहे।
शिक्षकों ने भी साझा किए विचार
00 शिक्षक उमेंद पटेल ने कहा कि अभियान ने शिक्षकों में भी एक प्रेरक की भूमिका निभाई। वैसे आज ज्यादातर शिक्षक नवाचार के साथ पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। शिक्षक पटेल प्रकाशपुर में पदस्थ हैं और बच्चों में पर्यावरण संरक्षण में उल्लेखनीय भूमिका निभा रहे हैं।
00 योग प्रशिक्षक गौतम सोनी ने कहा कि शिक्षकों योगदान आज सिर्फ किताब शिक्षा तक सीमित नहीं है। बल्कि समाज और राष्ट्र के निर्माण में सीधे शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण हो चली है।
00 चारभांठा में पदस्थ शिक्षक नरोत्तम उर्वाशा ने कहा कि आज के समय में पर्यावरण संरक्षण एक महती आवश्यकता है। उर्वाशा अपनी शाला में निरंतर नवाचारी कार्य कर रहे हैं।
00 शिक्षक जय देवांगन ने कहा कि शिक्षक कोरोनाकाल में भी अपनी जवाबदारियो से पीछे नहीं हटे हैं,और जहां भी शिक्षकों को जवाबदारियां मिल रही हैं। वे अपनी भागीदारी निभा रहे हैं।