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जाँच रिपोर्ट क्वारेंटाइन अवधि में ही आए या फिर घर लौटने वालों को रिपोर्ट आने तक होम आइसोलेशन में रखा जाए : संसद सदस्य चुन्नीलाल साहू Featured

By June 11, 2020 515 0
  • प्रशासनिक लापरवाही के चलते महासमुंद ज़िले में कोरोना संक्रमण के फैलाव की आशंका घनीभूत : भाजपा

  • स्वाब सैंपल की जाँच रिपोर्ट क्वारेंटाइन पीरियड में नहीं आई, घर लौटने के पाँच दिनों बाद निकले कोरोना पॉज़ीटिव!

  • जाँच रिपोर्ट क्वारेंटाइन अवधि में ही आए या फिर घर लौटने वालों को रिपोर्ट आने तक होम आइसोलेशन में रखा जाए : साहू

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के संसद सदस्य चुन्नीलाल साहू ने महासमुंद जिले के सरायपाली विकासखंड में कोरोना संक्रमण के प्रति बरती गई प्रशासनिक लापरवाही पर नाराज़गी व्यक्त की है। श्री साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ में विस्फोटक होते जा रहे कोरोना संक्रमण के इस भीषण दौर में भी प्रदेश सरकार और उसके प्रशासन तंत्र की ओर से बरती जा रही लापरवाही के जो नमूने प्रकाश में आ रहे हैं, वे न केवल सरायपाली क्षेत्र, अपितु महासमुंद ज़िले में कोरोना संक्रमण के फैलाव की आशंका घनीभूत कर रहे हैं। श्री साहू ने बताया कि सरायपाली ब्लॉक के विभिन्न स्थानों पर क्वारेंटाइन कर रखे गए लोगों के स्वाब सैंपल की जाँच रिपोर्ट उनके क्वारेंटाइन पीरियड में नहीं आने के कारण वे लोग अपना क्वारेंटाइन पीरियड पूरा कर घर लौट गए और उसके 05 दिनों के बाद 10 जून को उनकी जाँच रिपोर्ट  कोरोना पॉज़ीटिव आई है, जिससे लोग दहशत में दिख रहे हैं।

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भाजपा संसद सदस्य श्री साहू ने कहा है कि प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि क्वारेंटाइन कर रखे गए लोगों की जाँच रिपोर्ट हरसंभव उनके क्वारेंटाइन पीरियड में आ जाए और किन्हीं अपरिहार्य तकनीकी वज़हों से यह न हो सके तो क्वारेंटाइन पीरियड पूरा कर घर लौटने वालों को मुनादी कर तब तक होम आइसोलेशन में रखा जाए, जब तक कि उनकी जाँच रिपोर्ट नहीं आ जाती। श्री साहू के मुताबिक़ सरायपाली क्षेत्र में क्वारेंटाइन सेंटर्स में रखे गए 07 लोगों की जाँच रिपोर्ट पॉज़ीटिव आने के बाद क्षेत्र में हर कोई बेहद सशंकित है। इनमें एक महिला भी है जो गर्भवती थी और क्वारेंटाइन पीरियड में ही उसने एक बच्चे को जन्म दिया था। इन सभी को 24 मई को क्वारेंटाइन किया गया था और महिला को छोड़कर शेष लोग क्वारेंटाइन पीरियड पूरा कर 06 जून को घर लौट गए थे।

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भाजपा संसद सदस्य श्री साहू ने सबसे ज़्यादा हैरत तो गुजरात से लौटी गर्भवती महिला के मामले को लेकर जताई है। उक्त महिला 24 मई के कोकेनचुँआ क्वारेंटाइन सेंटर में रखी गई थी और 25 मई  को ग्राम काकेनचुआं के क्वॉरेंटाइन सेंटर में ही उसने एक बच्चे को जन्म दिया था। जच्चा-बच्चा को बीएमओ के निर्देश पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पाटसेन्द्री में भर्ती कराया गया, जबकि नियमानुसार महिला और बच्चे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्थित आइसोलेशन वार्ड में रखा जाना था। उक्त महिला को 28 मई को होम आइसोलेशन के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से रिलीफ कर दिया गया था। उक्त महिला के लिए स्वास्थ्य केंद्र के सामने ही स्थित एक होटल से खाने-पीने की सामग्रियाँ भेजे जाने की ख़बर भी है। इसी तरह कुर्मीपाली के क्वारेंटाइन रहे एक व्यक्ति के भाई की रिपोर्ट कोरोना पॉज़ीटिव आई है और क्वारेंटाइन कर रखे गए इस व्यक्ति का सैंपल जाँच के लिए लिया ही नहीं गया है!

भाजपा संसद सदस्य श्री साहू ने कहा ये मामले क्वारेंटाइन सेंटर्स की बदहाली और बदइंतज़ामी को लेकर भाजपा की चिंता को प्रामाणिक सिद्ध कर रहे हैं लेकिन इस पर गंभीर होने के बजाय सत्तापक्ष द्वारा प्रशासन का ग़लत इस्तेमाल कर उसे राजनीतिक रंग देने की शर्मनाक कोशिश की जा रही है। हाल ही भाजपा की जिला अध्यक्ष व पूर्व संसदीय सचिव रूपकुमारी चौधरी व पूर्व विधायकों डॉ. विमल चोपड़ा, त्रिलोचन पटेल, रामलाल चौहान समेत 12 लोगों के ख़िलाफ़ की गई कार्रवाई यह बात साफ़ करती है कि प्रदेश सरकार क्वारेंटाइन सेंटर्स की बदहाली और बदइंतज़ामी के सच को सामने आने से रोकने के लिए भाजपा नेताओं पर विद्वेषपूर्वक एफआईआर कर दबाव और तानाशाही का राज चलाना चाहती है।

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