कहते हैं पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती, इस बात को जेल की सजा काटकर आए एक कैदी ने साबित कर दिया। हत्या के मामले में दोषी इस शख्स ने जेल से निकलने के बाद अपनी MBBS की पढ़ाई पूरी की और डॉक्टर की डिग्री हासिल की है। हत्या के दोषी सुभाष पाटिल का सपना था कि वह डॉक्टर बने लेकिन कुछ ऐसी घटना हो गयी जिससे वह डॉक्टर बनने के बजाय हत्यारा बन गया। साल 2002 में सुभाष पाटिल को सजा हुई थी। उस वक्त वह एमबीबीएस कोर्स के तीसरे साल की पढ़ाई कर रहा था।
अब उसकी उम्र 40 साल है। वह कर्नाटक के कलबुर्गी के अफजलपुरा का रहने वाला है। 1997 में सुभाष ने मेडिकल पढ़ाई शुरू की थी। 2002 में पुलिस ने हत्या के आरोप में सुभाष को गिरफ्तार किया था, वहीं 2006 में उसे सजा सुनाई गई थी। सुभाष ने कहा 'मैंने 1997 में MBBS में एडमिशन लिया था। लेकिन, मर्डर के केस में मुझे 2002 में जेल हो गई थी। मैं जेल की OPD में काम करता था और अच्छे आचरण की वजह से 2016 में छोड़ दिया गया था। मैंने अपना MBBS 2019 में पूरा किया।'
सुभाष ने MBBS कोर्स डिग्री के लिए इसी महीने एक साल की अपनी इंटर्नशिप पूरी कर ली है।
सुभाष के मुताबिक उसके बचपन का सपना था कि वह डॉक्टर बने। जेल में रहने के दौरान भी उसका यह सपना बरकरार रहा। जेल से छूटने के बाद सुभाष ने पुरानी गलतियों को भूलते हुए अधूरी पढ़ाई पूरी करने का फैसला किया और डिग्री लेने के लिए जरूरी इंटर्नशिप को भी पूरा कर लिया। इसके बाद अब उसे MBBS डिग्री मिलने का रास्ता साफ हो गया है।