रायपुर। राजधानी के सबसे बड़े निजी अस्पतालों में से एक रामकृष्ण केयर हास्पिटल प्रबंधन को स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा है। अस्पताल प्रबंधन पर आरोप है कि उसने एक महिला मरीज को कोरोना वायरस का संदिज्ध मानते हुए जबरिया बाहर निकाल दिया था। घटना मंगलवार रात की है। बताया गया है कि मरीज आईसीयूू में भर्ती थी। अभी महिला का उपचार आंबेडकर हास्पिटल में चल रहा है जहां वह जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है। कोरोना की जांच के लिए उसका सैंपल एम्स भेजा गया है।
राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि कोरोना वायरस का प्राथमिक परीक्षण करने के बाद ही मरीज को रेफर करें। यहां पर रामकृष्ण अस्पताल प्रबंधन ने इस निर्देश की अवहेलना की। इस कारण सरकार की ओर से उसे नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
महिला का नाम कौसर जहान बताया गया है। उसे रामकृष्ण अस्पताल के आईसीयू वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। मंगलवार की रात करीब 9 बजे उसे अस्पताल से निकाल दिया गया था।
स्वास्थ्य विभाग ने जारी नोटिस में कहा है कि प्रदेश में लागू एपिडेमिक डिसीज एक्ट 1897 की कंडिका (5), (2) एवं (3) और नर्सिंगहोम अधिनियम 2013 के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन आपके द्वारा किया गया है। अत: 24 घंटे के भीतर साक्ष्य एवं अभिलेखों सहित अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें। ऐसा नहीं करने पर एपिडेमिक रेगुलेशन एक्ट 1897 और नर्सिंगहोम एक्ट का उल्लंघन मानते हुए अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।