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खनन माफिया नियम कानून को खनन के साथ कर रहे दफन Featured

00 बडे माफिया पर खनिज विभाग मेहरबान छोटे मटेरियल सप्लायर पर कार्यवाही करके वाहवाही लुट रहे

 

खैरागढ़. छत्तीसगढ़ भाजपा सरकार भले ही अवैध खनन करने वाले पर कार्यवाही करने का दावा कर रही हो लेकिन खैरागढ़ जिला खनिज विभाग में अवैध खनन माफिया पर अफसरों की मेहरबानी से मुरूम की लगातार परिवहन हो रहा है। मैदानी इलाके से खनन-माफिया मुरूम की खनन करके लगातार परिवहन कर रहे है। गांव की जमीन, मुरूम निकाल-निकालकर खाई बन चुकी है। लेकिन खनिज अधिकारी और खनन माफिया दोनो की गहरी दोस्ती के कारण कार्यवाही नही रहे और छत्तीसगढ सरकार को दोनो मिलकर लाखो की राजस्व का नुकसान पहुंचा रहे है।

5 साल बाद भाजपा सरकार सत्ता में आई और अवैध खनन पर कार्यवाही करने अधिकारी को आदेश दिया। लेकिन अवैध खनन पर अफसरों की मेहरबानी का सिलसिला पहले की तरह ही जारी है। धंधेबाज नियम-कानून को खनन के साथ दफन भी कर रहे है। यह वजह है कि क्षेत्र की घोठिया, पांडुका, मुतेड़ा, पिपारिया, मुहडबरी सहित अन्य क्षेत्रों मे धंधा जोरो पर चल रहा है, न सिर्फ मुरूम खोदी जा रही है बल्कि रेत का काम भी तेजी के साथ चल रहा है। यह धंधा साधारण तरीके से नही, अफसर और नेताओं की संरक्षण में चल रहा है।

 

30- 40 फीट गड्ढे दे रहे हैं अवैध मुरूम खनन की गवाही

खनन वाले स्थान पर खेतों में काम करने वाले ग्रामीणों ने बताया की जेसीबी मशीन खनन माफिया दिन-रात मुरूम की खनन कर रहे है। मुरूम खनन का खेल कितने बडे पैमाने पर हो रहे इसका गवाही तो लगभग 30-40 फीट गहरी मुरूम गढ्ढे ही दे रहे है। खुला सरंक्षण मिलने से खनन माफिया के हौसले बुलंद हो गए है। इससे सरकार की जिले में किरकिरी हो रही है।


छोटे मटेरियल सप्लायर पर कार्यवाही, बडे माफिया के साथ सांठ-गांठ

विभाग के अधिकारी छोटे मटेरियल सप्लायर पर कभी-कभार कार्यवाही करके वाहवाही लुट रहे है। वही बडे़ माफिया से सांठ गांठ करके परिवहन के एवज में कमीशन लिया जा रहा है। खैरागढ कलेक्टर कार्यालय के पास से ही सैकड़ो हाईवा मुरूम प्रतिदिन परिवहन हो रहा है। लेकिन खनिज अधीकारी व जिला प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। जिन स्थानों पर उत्खनन की मनाही है वह भी माफिया बिना डरे मुरूम खनन कर परिवहन कर रहे है। जिससे विभाग की सक्रियता पर भी सवाल खडे हो रहे है।

 

शिकायत को दबाने की कोशिश करते हैं खनिज अधिकारी

खनिज के मामले में शिकायत करने पर भी विभाग के अधिकारी मामला दबाने की कोशिश करते रहते है। हाल ही में पंचपेड़ी ग्राम पंचायत में अवैध तरीके से पत्थर को क्रेशर संचालक को देने का मामला समाने आया था। जिसकी जांच करने खनिज अधिकारी बबलू पांडे मौके पर पहुचे थे लेकिन अधिकारी द्वारा जांच में लीपा-पोती कर ग्राम पंचायत सरपंच को क्लीन चिट दे दिए। जबकि वास्ताविकता में पत्थर को निकालकर बेचा गया है। इसके अलावा बल्देवपुर सरपंच ने क्रेशर खदान संबंधी शिकायत किया गया था। उसके मामले को भी दबा दिया गया। मुरूम खनन को लेकर भोथी ग्राम पंचायत के ग्रामीणों द्वारा भी शिकायत किया था। जिसकी जांच प्रतिवेदन मांगने पर ग्रामीणों को घुमाया जा रहा है। सूचना अधिकार में भी जानकारी नही दिया जा रहा है। ग्रामीणों ने खनिज अधिकारी पर बिकने का आरोप लगातार मिडिया के समाने लगा रहा है।

 

फोन रिसीव नहीं करते अधिकारी

फोन लगाने पर रिसीव नही करते खनिज अधिकारी
अवैध खनन को देखकर या कुछ खनिज के मामले को लेकर चर्चा करने खनिज अधिकारी फोन लगाने पर रिसीव नहीं करने की शिकायत भी समाने आई है। आफिस में जाने पर भी अधिकारी नजर नही आते जिससे खनिज संबंधी समस्या समाधान नही हो रहा है।

 

मेरे जीवन के इतने साल की उम्र में मैं आज तक इनके जैसा निष्क्रिय अधिकारी कभी नहीं देखा - शैलेंद्र मिश्रा

खैरागढ़ जनपद पंचायत सभापति शैलेंद्र मिश्रा ने बताया कि आम नागरिक के साथ-साथ एक क्षेत्र की जनप्रतिनिधि का भी फोन उठाना खनिज अधिकारी उचित नहीं समझते क्षेत्र में लगातार अवैध उत्खनन हो रहा है जिसकी जानकारी देने खनिज अधिकारी को फोन लगाया गया था लेकिन उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया है उनके उच्च अधिकारी को भी फोन लगाया गया उनके द्वारा आधा बात करते ही फोन को काट दिया। इसके बाद ज्वाइन डायरेक्टर को मेरे द्वारा फोन लगाया गया उनके द्वारा लोकेशन मांगी गई जिस पर मेरे द्वारा लोकेशन भी सेंड किया गया जहां पर खनन हो रहा था लेकिन उनके द्वारा भी कोई कार्रवाई नहीं किया गया। जिसके कारण शनिवार को दिनभर मुरूम की परिवहन होता रहा। मैंने इतने साल की उम्र में इनके जैसा निष्क्रिय अधिकारी आज तक नहीं देखा। पूरे क्षेत्र की जनता खनिज अधिकारी से परेशान है जल्द ही इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से किया जाएगा।

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