खैरागढ़. जिला में राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी विभाग द्वारा वर्ष 2024-25 में बागवानी के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाया गया है। खैरागढ़-सांकरा क्षेत्र में विभिन्न किसानों ने 22 एकड़ में केले की खेती शुरू की है, ताकि वे अपनी आय को दोगुना कर सकें। सांकरा को केला क्लस्टर के रूप में जाना जाता है, जहां के किसान उद्यानिकी फसलों के प्रति काफी उत्साहित हैं। सांकरा के किसान गजानंद वर्मा और महेंद्र जंघेल ने बताया कि कम लागत में बेहतर खेती के लिए उन्होंने केले की फसल को चुना। केले की खेती में पानी की कम आवश्यकता होती है और इसके लिए ड्रिप सिंचाई के माध्यम से समय-समय पर दवाई का छिड़काव भी किया जाता है।
केले की फसल के लिए 40 प्रतिशत अनुदान
जिले के उद्यान विकास अधिकारी रविंद्र कुमार मेहरा ने कहा कि राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत केले की फसल के लिए किसानों को 40 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है, जबकि अन्य फसलों के लिए 50 प्रतिशत तक अनुदान उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि उद्यानिकी विभाग का उद्देश्य बागवानी क्षेत्र के चहुमुखी विकास को बढ़ावा देना है, ताकि जलवायु परिवर्तन के अनुकूल उत्पादन विधियों के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि हो सके। इसके अलावा, यह पहल ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार की संभावनाओं को भी बढ़ा रही है। उद्यानिकी विभाग की इस योजना से किसानों की आय बढ़ाने, पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों का सृजन हो रहा है।
केला क्लस्टर बनने से किसानों को होगा ये लाभ
केला क्लस्टर स्थापित होने से जिले के केला उत्पादक किसानों का केला निर्यात होगा। जिससे किसानों को अपने उपज के अच्छे दाम मिलेंगे। इससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। साथ ही किसानों को आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक सलाह मिलेगी।