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ख़ैरागढ़ 00 पदोन्नति के खेल में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ अब आला प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ भी रंग चुके हैं। मामले पर पर्दा डालने के एवज में लाखों रूपयों के लेन देन की जानकारी मिल रही है। संशोधन आदेश जारी न होने से 51 शिक्षकों ने पदभार ग्रहण करने से इनकार कर दिया है। विभाग के आदेश के बाद मात्र 19 शिक्षकों ने अपना पदभार ग्रहण किया है। राजनीतिक संरक्षण में पदोन्नति से लेकर स्थानांतरण तक के मामलों में शिक्षा विभाग खुली मंडी बना हुआ है। जहां ट्रांसफर के लिए 4 से 5 लाख तक लिए गए हैं। वहीं पदोन्नति के मामले में लाखों का हेरफेर हुआ है। पैसों में लालच में शिक्षा विभाग के अधिकारियो और बाबुओं में मानवता को भी तार तार कर दिया। जिसमें कुछ शिक्षा संगठन के पदाधिकारियो की भूमिका व संलिप्तता भी सामने आई है। ये वे शिक्षक हैं। जिनका ज्यादातर समय शिक्षा विभाग के कार्यालय में ही बीतता है।
दिव्यांगों और महिला शिक्षकों ने नहीं लिया पदभार
राजनांदगांव के 90 फीसदी शिक्षकों की पदोन्नति के बाद पदभार ग्रहण करने की पोल खुलने के बाद मान-मनौव्वल कर खैरागढ़ कलेक्टर से पदभार और पदस्थापना पर लगी रोक 26 दिनों पर हटवा कर तीन दिन में बचे शिक्षकों को ज्वॉइनिंग के आदेश दे दिए गए। इससे पहले दिव्यांग और महिला शिक्षकों से संशोधन के आवेदन मांगे गए थे। जिसमें खैरागढ़ ब्लॉक से ही पदोन्नत हुए 225 शिक्षकों में से 70 ने संशोधन कराने अपना आवेदन जमा किया था। मामला खुलता देख शिक्षा विभाग ने बचे शिक्षकों को आनन-फानन में पदभार लेने के आदेश जारी कर दिए।
100 किमी दूर जंगल में दी गई दिव्यांगों को पदोन्नति
तीन दिन में केवल 19 शिक्षकों ने ही पदोन्नति बाद भेजे गए जगहों पर अपना पदभार लिया। बाकी ने संशोधन बिना पदभार लेने से इनकार कर दिया है। इसका प्रमुख कारण दिव्यांगों और महिला शिक्षकों को 100 किमी दूर जंगलों में पदस्थ किए जाने का मामला था। इसमें बडे़ पैमाने पर लेनदेन कर आसपास की जगहों पर मनमाफिक लोगों को पदस्थ करने में ज्यादा रूचि दिखाई और नियमों का ही पालन नहीं किया।
51 ने नहीं लिया पदभार
रोक हटने के बाद 19 शिक्षकों ने अपना पदभार ग्रहण किया है। संशोधन के 70 आवेदन जमा हुए थे। 51 शिक्षकों ने अपना पदभार ग्रहण नहीं किया है।
महेश भुआर्य, बीईओ खैरागढ़