ख़ैरागढ़. उपचुनाव के लगभग साल भर बाद नेताओं के निलंबन ने भारतीय जनता पार्टी को अंतः विरोध के मुहाने पर ला खड़ा किया है। कार्यवाही के बाद पार्टी में सन्नाटा छाया हुआ है। दरअसल जिन पदाधिकारियों पर कार्यवाही की गई है। वे सभी पार्टी के प्रमुख पदों पर आसीन है। जंगलपुर निवासी लुकेश्वरी जंघेल,जिला पंचायत सदस्य रही हैं। पार्टी महिला वोटरों को लुभाने में उनका उपयोग करती आई है। लुकेश्वरी के पति श्रवण जंघेल भी भाजपा में सक्रिय हैं। टिकट दावेदारों में लुकेश्वरी को महिला दावेदार के रूप में देखा जाता रहा है। वहीं गंडई निवासी राकेश ठाकुर को बीती कार्यकारिणी में जिला कार्यकारिणी सदस्य के रूप में शामिल किया गया था। राकेश गंडई के युवा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं। गंडई मंडल में पिछड़ा वर्ग मोर्चा के रामा साहू भी सोशल मीडिया के सक्रिय कार्यकर्ताओ में गिने जाते हैं। वहीं केशव साहू भी युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष हैं।
रावल के निलंबन से भी कार्यकर्ता हतप्रद
वहीं छुईखदान के कद्दावर नेता,पूर्व नगरपंचायत अध्यक्ष रावल कोचर के निलंबन से भी पार्टी कार्यकर्ता हतप्रद हैं। क्योंकि रावल,उपचुनाव में प्रभारी रहे खूबचंद पारख के साले हैं। और पार्टी के कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं।

मंडल अध्यक्ष के विरोध के बाद मिला था पद
भाजपा के राजनांदगांव कार्यकारिणी के गठन के दौरान गंडई मंडल अध्यक्ष संजय अग्रवाल के कुछ पदाधिकारियों के चयन पर सवाल उठाया था। उन्होंने संगठन में भी कुछ पदाधिकारियों की शिकायत की थी।
तो क्या छुईखदान - गंडई में ही हुआ पार्टी के साथ भीतर घात
उपचुनाव में मामूली अंतर से हार के बाद से ही चुनाव में हुए भितरघात की परतें खुलनी शुरू हो चुकी थी। और अंदाजा लगाया जा रहा था। कि पार्टी के साथ भितरघात कहां हुआ। लेकिन पार्टी की उक्त कार्यवाही से साफ हो गया कि छुईखदान - गंडई क्षेत्र में ही पार्टी को सबसे ज्यादा भीतरघात का सामना करना पड़ा है।
ताजपोशी होते ही हुई कार्यवाही
जिला अध्यक्ष घम्मन साहू की ताजपोशी होते ही सबसे पहले निलंबन की कार्यवाही की गई है। साफ तौर पर पार्टी इस कार्यवाही से भीतरघात करने वालों को कड़ा संदेश देना चाहती है। हालांकि अंदाजा लगाया जा रहा है कि ये सूची यहीं नहीं थमने वाली है। कुछ और नाम भी आने वाले दिनों में निलंबन सूची में शामिल हो सकते हैं।
