खैरागढ़. आमनेर नदी पर बहुप्रतीक्षित पुल निर्माण में सेतु निगम के अधिकारी गड़बड़ियों को अंजाम दे रहे हैं। 3 करोड़ 71 लाख की लागत से बनने वाले इस पुल में लापरवाही की कोई लिमिट नही है। जबकि प्रधानपाठ बैराज और आमनेर नदी के सीधे ढलान पर बन रहे इस पुल पर बाढ़ का सीधा दबाव पड़ेगा। कमजोर ढंग से बन रहा यह पुल के ठोस और सही बनने पर आसपास के ग्रामीणों को संदेह है। कार्य के दौरान जनप्रतिनिधियों ने ध्यान देकर आपत्ति की और कार्य मे सुधार लाने को कहा गया, उसके बाद भी गुणवत्ता में सुधार नही लाया गया है। मौके पर मौजूद प्रायवेट इंजीनियर बातों में उलझाने का प्रयास करते हैं। और अधिकारी के साथ ठेकेदार, कॉल रिसीव नही करते और अब काम जब अंतिम चरण में है। निर्माण कार्य मे लगे इंजीनियर और सरकारी इंजीनियर सब इस भर्राशाह में तैरना चाह रहे हैं, और आनन-फानन में काम पूरा करके भाग लेना चाह रहे हैं। सवाल यह पैदा हो रहा है कि सीधे सैलाब पर बनने वाले इस स्कूल की गुणवत्ता की जिम्मेदारी लेगा कौन? यह ग्राम पंचायत टेकापार आश्रित मुड़पार से रंगकठेरा को जोड़ने वाला पुल है।
जनप्रतिनिधियों ने पूछा सवाल,तो प्रभारी का गोलमोल जवाब
क्षेत्र के सरपंच प्रतिनिधि जवाहर वर्मा, पंच सुमेरी वर्मा, त्रिभुवन साहू, मन्नू मंडावी के साथ जनपद सदस्य वंदना वर्मा और स्थानीय जिला पंचायत सदस्य विप्लव साहू के कार्यस्थल पर दौरे के समय काम पर लगे प्रभारी समरेंद्र सिंह संतुष्टि के लायक जवाब नही दिए और ग्रामीणों जनप्रतिनिधियों को गोलमोल जवाब देकर बचने की कोशिश करते रहते हैं। उनसे जब डिजाइन और स्टीमेट की प्रति दिखाने की बात की गई तो बोले ठेकेदार के पास है।
नहीं हुआ वाइब्रेटर का इस्तेमाल
कार्य मे देखने पर लग रहा है कि निर्माण में कांक्रीटीकरण के समय और पुल के दीवाल में ठीक से वाइब्रेटर मशीन का इस्तेमाल नही हुआ है। पानी की तराई में अत्यंत कमी बरती गई है। पिचिंग ब्लॉक बनाने में मानक गुणवत्ता का पालन बिल्कुल नही हुआ है। अप्रोच रोड में मिट्टी का ही अधिक प्रयोग हुआ, जबकि मुरमी का इस्तेमाल अधिक करना था। अप्रोच रोड में पानी की तराई नही हुई है। बिना लेबल देखे फ्लोर बना रहे हैं, और पूछने पर कहते हैं कि बारिश में ऑटोमेटिक बराबर हो जाएगा। आदि तमाम तरह की कोताही पूरे निर्माण काम मे दिखाई देते हैं। उपअभियंता संतोष बिंझवार से टेलीफोनिक बात करने पर कामो को संतोष बता दिया गया, और मांगने पर उच्चाधिकारियों का नम्बर भी नही दिया गया।
निर्माण की हो निष्पक्ष जांच
जनहित में इन सारी खामियों को विभाग को ताकीद करते हुए ग्रामीणों और नेताओं ने चेतावनी दी है कि काम को तत्काल रोककर और जनप्रतिनिधियों को शामिल करके निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए ताकि जनता की गाढ़ी कमाई से होने वाले निर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर में गुणवत्ता लाई जा सके।