छत्तीसगढ़ के हजारों आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में जुट रहे हैं। इसकी रणनीति बनाने बुधवार को सप्रे शाला में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की प्रदेश स्तरीय बैठक आयोजित की गई थी। जिसमे पूरे प्रदेश के हर जिलों के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता - सहायिका संगठन के जिला अध्यक्ष और पदाधिकारीगण एकत्रित हुईं। ये सभी सरकार के घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा कराने की मांग को लेकर आंदोलन करने वाले हैं। एक तरफ जहाँ राज्य सरकार द्वारा बजट तैयार कीया जा रहा है, वहीं सरकार का अपनी ओर ध्यान खींचने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एकजुट हो रहे हैं। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को लेकर कई वादे किए थे। अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उस वादे को याद दिलाने तथा उस वादे को पूरा करने के लिए आंदोलन की तैयारी में हैं।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि कांग्रेस सरकार इस बार बजट में जनघोषणा पत्र में किए गए वादे को पूरा करेगी। बजट प्रस्तुत करने के सिर्फ एक दिन पहले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने आंदोलन की रणनीति बनाकर सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। इस संबंध में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ के अध्यक्ष पदमा साहू ने बताया कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के अपने जनघोषणा-पत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के वेतन में वृद्धि का वादा किया था।
उनका कहना था कि इस मांगों को लेकर पहले भी 50 दिनों तक हमारा आंदोलन चल रहा था, इस आंदोलन का कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष भूपेश बघेल ने समर्थन भी किया था। और अब जब वे मुख्यमंत्री हैं, तब अपेक्षा और भी बढ़ गई है, कि मांगें जल्द ही पूरी की जाएगी। उन्होंने उस आंदोलन का समर्थन करते हुए यह वादा किया था की सत्ता में आने पर वह इस मांग को पूरा करेंगे। इसी वादे को सरकार को दिलाने कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई गई है।
इस बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ज्ञापन सौंपकर घोषणा-पत्र में किये गए वादों को याद दिलाने का निर्णय लिया गया। इसी के साथ जरूरत पड़ने पर जमीनी स्तर पर धरना देने का फैसला लिया गया। यदि भूपेश सरकार द्वारा आगामी बजट में इन मांगों को शामिल नहीं किया गया तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रदेश स्तर पर वृहद आंदोलन करने की रणनीति बनाएंगे।