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नहीं रहे मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन, मेदांता अस्पताल में ली आखरी साँसे Featured

राज्यपाल लालजी टंडन नहीं रहे। किडनी और लिवर फंक्शन फेल होने से हुई मौत। लालजी टंडन को 11 जून को मेदांता अस्पताल में सांस लेने में तकलीफ होने पर भर्ती कराया गया था। उनका इलाज आईसीयू में चल रहा था।इसके पहले 13 जून को उनका ऑपरेशन हुआ था। हालत गंभीर होने पर उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया था। 

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लालजी टंडन का जन्म 12 अप्रैल 1935 को लखनऊ में हुआ था।लालजी टंडन ने ग्रेजुएशन करने के बाद आधिकारिक रुप से राजनीति में प्रवेश किया । उनके पुत्र गोपाल जी टंडन इस समय उत्तरप्रदेश सरकार में मंत्री हैं।
मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1960 में की थी। शुरुआती करियर में लालजी टंडन दो बार पार्षद चुने गए और दो बार विधान परिषद के सदस्य भी रहे। लालजी टंडन ने इंदिरा गांधी की सरकार के खिलाफ जेपी आंदोलन में भी बढ़चढ़कर हिस्सा लिया था। लालजी टंडन को यूपी की राजनीति में कई बदलाव वाले प्रयोगों के लिए भी जाने जाते है। 90 के दशक में प्रदेश में बीजेपी और बीएसपी की गठबंधन सरकार बनाने में भी उनका अहम योगदान रहा।

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लालजी टंडन लखनऊ से 15 वीं लोक सभा 2009-2015 के सदस्य रह चुके हैं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहने वाले टंडन प्रदेश की BJP सरकार में मंत्री भी रहे हैं। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के चुनाव क्षेत्र लखनऊ में काम किया था और उनके सहियोगी भी रहे थे। लालजी टंडन को 21 अगस्त 2018 को बिहार का राज्यपाल बनाया गया। दिनांक 20 जुलाई 2019 को लालजी टंडन को मध्यप्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। 21 जुलाई सुबह लालजी टंडन ने लखनऊ के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली है।

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Last modified on Tuesday, 21 July 2020 12:44

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